नई दिल्ली, 13 जून : सीबीआई (CBI) ने चार लाख रु. की घूसखोरी के मामले में एनएचएआई (NHAI) के दो लोक सेवकों, निजी कम्पनी के कार्यकारी निदेशक सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। तलाशी के दौरान 2.33 करोड़ रु. (लगभग) भी बरामद किए गए है।
सीबीआई ने 4 लाख रु. की कथित घूसखोरी के मामले में क्षेत्रीय कार्यालय, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, (एनएचएआई), दिसपुर, गुवाहाटी (असम) के लेखा अधिकारी एवं कनिष्ठ लेखा अधिकारी तथा गुरूग्राम (हरियाणा) स्थित निजी कम्पनी के कार्यकारी निदेशक सहित तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है।
इसके अलावा अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध भी मामला दर्ज किया गया है। रिश्वत के बदले में बिलों पर कार्यवाही एवं पास करने के अलावा बैंक गारंटी आदि जारी करने के लिए लोक सेवकों के द्वारा कम्पनी के साथ पक्षपात किया गया। आरोप है कि कम्पनी ने वर्ष 2018 में मेघालय में विस्तारित सड़क का ठेका कार्य किया, जिसके लिए 31.03.2022 को अनिवार्य मरम्मत के 04 वर्ष पूरे होने के पश्चात एनएचएआई के द्वारा सेवा मुक्ति प्रमाण पत्र (Discharge certificate) जारी होना था। आरोप है कि लोक सेवकों एवं अन्यों ने अंतिम बिलों पर कार्यवाही व सेवा मुक्ति प्रमाण पत्र जारी करने की एवज में रिश्वत राशि दी गई।
सीबीआई ने जाल बिछाया, लोक सेवकों को निजी कंपनी की तरफ से एक कर्मचारी से 4 लाख रु. की रिश्वत की मांग करने एवं स्वीकार करने पर पकड़ा। कर्मचारी ने ही अन्य कर्मचारियों के साथ मिलीभगत में रिश्वत की राशि को पहुंचाया। निजी कम्पनी के कर्मचारियों को भी गिरफ्तार किया गया।
आरोपियों के गुवाहाटी, बेंगलुरु, गुरुग्राम, शिलांग, पटना स्थित परिसरों सहित लगभग 15 स्थानों पर तलाशी ली गई, जिसमें आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए। निजी कम्पनी के कार्यकारी निदेशक के परिसर से 2.33 करोड़ रु. (लगभग) की नकद राशि भी बरामद हुई है। सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों को गुवाहाटी की सक्षम अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा।