हमीरपुर, 05 जनवरी : कर्मचारी चयन आयोग पेपर लीक मामले में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है वैसे वैसे तस्वीर भी साफ होती जा रही है। मामले में कई अधिकारियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक सकती है। वहीं एसआईटी व विजिलेंस के आला अधिकारी आयोग के कार्यालय पहुंचे।
मुख्य आरोपी उमा आजाद से कर्मचारी चयन आयोग में सीन रीक्रिएट करवाए गए। कई घंटों तक सीन रीक्रिएट करवाने का सिलसिला चलता रहा। कैसे सचिव के ड्रार से चाबी निकाली जाती है और फिर आगामी प्रक्रिया को अंजाम दिया जाता है। सारे सीन रीक्रिएट करवाए गए। कर्मचारी चयन आयोग पेपर लीक मामले में प्रशासनिक जांच का जिम्मा प्रदेश सरकार की तरफ से अभिषेक जैन को सौंपा गया है। ऐसे में अब विजिलेंस और एसआईटी की जांच के साथ ही प्रशासनिक जांच हुई यहां पर शुरू कर दी गई है।
इन परीक्षाओं की हो रही जांच…
एसआईटी व विजिलेंस ड्राइंग मास्टर, जेई, ट्रांसपोर्ट इंस्पेक्टर परीक्षा सहित अन्य परीक्षाओं का रिकॉर्ड भी खंगाल रही है। जेओए आईटी पेपर के अलावा विजिलेंस की एसआईटी ने तीन ओर परीक्षाओं की जांच शुरू कर दी है। इन में जेई, ड्राइंग मास्टर और ट्रांसपोर्ट इंस्पेक्टर की परीक्षा शामिल हैं। विजिलेंस मुख्यालय में पेपर लीक की 17 शिकायतें आई थीं, जिनमें दस शिकायतों में पेपर लीक की आशंका पाई गई है।
विजिलेंस को अब तक तकरीबन 16 अलग-अलग कैटेगरी के पेपरों की जांच करनी है। इनमें से 6 के खिलाफ शिकायतें पहुंच रही हैं। जिन अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी, उनकी शिकायतें मिलने के बाद विजिलेंस जांच में जुट चुकी है। अभी वह और शिकायतों का भी इंतजार कर रही है, ताकि अभ्यर्थी खुलकर बता सकें कि किस-किस एग्जाम में गड़बड़झाला हो चुका है। सूत्रों का कहना है कि तकरीबन 20 एग्जाम की जांच हो सकती है।
इससे साफ है कि अब उमा आजाद और सेक्रेटरी की जवाबदेही के आस-पास ही जांच का फोकस है। विजिलेंस की टीम उन्हें कागजात की सत्यता जांचने के लिए जब जरूरत हो बुला लेती है। कारण यही है कि उन्हीं के हवाले अब सीक्रेसी ब्रांच की चाबियां हैं।