अमरप्रीत सिंह/सोलन
कुम्हारहट्टी-नाहन मार्ग पर दर्दनाक हादसे का रेस्क्यू ऑपरेशन शाम 7ः30 बजे तक जारी था। प्रशासन के मुताबिक सेना के 13 जवान अब भी मलबे में दबे हुए हैं। इसी बीच एनडीआरएफ पंचकूला की टीम ने मोर्चा संभाल लिया है, जबकि तीन सदस्य टीम सुन्नी से भी हेलीकाप्टर के माध्यम से मौके पर पहुंची है।
हादसे में जाको राखे साईयां की कहावत को चरितार्थ करते हुए रेस्टोरेंट का एक कुक व पर्यटक चश्मदीद के तौर पर सामने आया है। होटल के कुक रंजीत ने बताया कि वो प्लेट धोकर निकला था। इसी बीच उसे तंदूर में रोटी लगाने को कहा गया। उसने रोटी लगाने ही लगा था कि उसका पांव खिसकने लगा। इसी दौरान लैंटर गिर गया। रंजीत ने कहा कि उसने बगैर घबराए खुद को बाहर निकालने की कोशिश की, जिसमें वो सफल भी हो गया।
चश्मदीद का कहना है कि आर्मी के जवानो के साथ स्टाफ भी भीतर ही मौजूद था। साथ ही रेस्टोरेंट के मालिक का परिवार भी अंदर ही था। चश्मदीद ने कहा कि जैसे ही लैंटर गिरने के बाद रूका, तो उसे बाहर निकलने की जगह मिल गई। उधर अंबाला के रहने वाले हरदीप का कहना था कि वो भीतर बैठे हुए थे। उनका कहना था कि हादसे के वक्त 40-45 लोग भीतर मौजूद थे। उधर एक अन्य चश्मदीद का कहना था कि वो घटनास्थल से 15 से 20 फुट दूरी पर मौजूद थे। अचानक ही बहुमंजिला भवन का लैंटर गिर गया। वो दौड़ कर मदद के लिए पहुंच गए। उन्होंने कहा कि यह बात उन्हें समझ ही नहीं आई कि आखिर ऐसा क्या हुआ।
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उधर अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी विवेक चंदेल ने बताया कि हादसे में एक सिविलियन सहित सेना के जवान की मौत हुई है। उनके मुताबिक सेना के 18 जवानों को निकाल लिया गया है, जबकि 13 के फंसे होने की आशंका है। उन्होंने बताया कि 10 घायल सिविलयन्स को भी रेस्क्यू कर लिया गया है। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी के मुताबिक एनडीआरएफ की टीम मलबे में दबे सेना के जवानों को निकालने में जुटी हुई है।