एमबीएम न्यूज़/ शिमला
बंजार बस हादसे की जांच रिपोर्ट में बस मालिक सहित विभिन्न सरकारी महकमों के अधिकारियों की लापरवाही भी उजागर हुई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश की सरकार कड़ी कार्रवाई अमल में लाएगी और हादसे के जिम्मेदार सभी पक्षों को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाएंगे। परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने शुक्रवार को शिमला में प्रेस वार्ता में कहा कि इस विभत्स दुर्घटना के कारणों की जांच रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
लापरवाही बरतने वालों पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट में बस मालिक से लेकर पीडब्लयूडी, नेशनल हाईवे अथारिटी, पुलिस व ट्रांसपोर्ट महकमों की लापरवाही उजागर हुई है। उन्होंने कहा कि घटना वाले दिन ये बस अपने रूट पर दो बार खराब हुई थी। इस बस का इंजन बेहद कमजोर था और मोड़ पर यह अनियंत्रित होकर गहरी खाई में लुढ़क गई थी। ऐसे में सवाल उठता है कि बस के मालिक ने समय पर इसकी मैनटेनेंस क्यू नहीं करवाई और ट्रांसपोर्ट के अधिकारियों ने बस का फिटनेस सेर्टिफिकेट किस आधार पर दे दिया।
गोविंद सिंह ने कहा कि हादसे के दिन इसी रूट पर चलने वाली दो अन्य बसें रवाना नहीं हुई थीं। इस वजह से दो बसों की सवारियां इसी बस में सफर कर रही थीं। दुर्घटनाग्रस्त बस 42 सीटर थी और इसमें 87 सवारियां थीं। लेकिन पुलिस द्वारा कहीं भी ओवरलोडड बस को कहीं भी नहीं रोका गया। परिवहन मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि नियमों के मुताबिक बसों में 25 से 30 फीसदी तक ही ओवरलोडिंग मान्य है। उन्होंने कहा कि जिस जगह यह दुर्घटना घटी, वहां आधा मोड़ था।
यह पीडब्यलूडी की जिम्मेदारी थी कि इस जगह पर क्रैश बैरियर लगाए जाते। मंत्री ने कहा कि पीडब्लयूडी के साथ ही नेशनल हाईवे अथारिटी के अधिकारियों से भी जवाब तलबी होगी कि रोड इंजीनियरिंग को लेकर इन अधिकारियों ने क्यों नहीं देखा।