एमबीएम न्यूज/शिमला
प्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित एलाइड की प्रारंभिक परीक्षा पर सवालिया निशान लग रहे हैं। आयोग ने दो बार परिणाम घोषित कर दिया। अमर उजाला की खबर के मुतााबिक बीती 3 मई को 584 अभ्यार्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए सफल घोषित किया गया। इनमें एसटी वर्ग के सभी अभ्यार्थियों को अनुत्तीर्ण घोषित किया गया था।
अब सोमवार को दूसरी सूची जारी कर आयोग ने एसटी वर्ग के 11 उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा के लिए उत्तीर्ण घोषित कर दिया। सामान्य अभ्यार्थियों की मानें तो एलाइड सर्विसिज.2018 के लिए कोई भी सीट आरक्षित नहीं की गई थी, लेकिन ऑनलाइन आवेदन करते समय एसटी कैटेगरी का विकल्प आयोग ने अभ्यार्थियों को दिया। ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर कई एसटी वर्ग से संबंध रखने वाले अभ्यार्थियों ने फीस में छूट पाने के लिए एसटी कैटेगरी से आवेदन कर दिया।
3 मई को जो परिणाम घोषित किया गया, उसमें सभी एसटी वर्ग के अभ्यार्थी फेल घोषित किए गए। अब 14 मई को उन 11 अभ्यार्थियों उत्तीर्ण घोषित कर दिया। एलाइड परीक्षा में बैठे सूरज, भुवनेश्वर, अभिनेष ने बताया कि 3 मई को परिणाम घोषित होने के बाद सभी मेन्स की तैयारियों में जुट गए हैं। वहीं जो अभ्यार्थी अभी उत्तीर्ण हुए हैं, उन्हें मुख्य परीक्षा के लिए तैयारी में पिछड़ना पड़ा है। कुल मिलाकर आयोग के इस निर्णय से नया विवाद खड़ा हो गया है। इससे पहले भी कई दफा इंटरव्यू में अधिक अंक देकर लिखित परीक्षा के टॉपर पिछड़ जाते हैं।
उधर इस विषय में लोक सेवा आयोग की सचिव एकता काप्टा का कहना है कि एसटी वर्ग के अभ्यार्थियों को सामान्य श्रेणी में अंकों के आधार पर सफल घोषित किया गया है। उन्होंने माना कि परीक्षा में एसटी वर्ग के लिए कोई भी सीट आरक्षित नहीं थी। उन्हें फीस में छूट नियमों के आधार पर मिली है।