एमबीएम न्यूज/नाहन
बीजेपी के पक्ष में वोट डालने की तस्वीर को सोशल मीडिया में पोस्ट करने के मामले में पुलिस की थ्यौरी आधे घंटे के भीतर ही बदल गई है। पहले पुलिस भाजपा कार्यकर्ता के खिलाफ मामला दर्ज होने की बात कह रही थी। इसी बीच एसपी ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क को एफआईआर की खबर को गलत बताया। उन्होंने कहा कि इसमें कलंदरा बनेगा। उन्होंने यह भी कहा कि रिपोर्ट बनाकर भेज दी जाएगी, क्योंकि मामला नॉन कांगलिजेबल है। अदालत के आदेश पर ही मामला दर्ज हो सकता है।
यहां तक तो सब कुछ ठीक था, लेकिन इसी बीच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मामला बीजेपी के खिलाफ नहीं, बल्कि कांग्रेस के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता ने वोट डालने का वीडियो वायरल किया था। अब सवाल यह उठता है कि कहीं पुलिस पर दबाव तो नहीं बन गया है। अमूमन संगीन से संगीन मामलों में भी पुलिस इतनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करती है। गौरतलब है कि पहले पुलिस ने इस मामले को हल्के तरीके से ही ले लिया था। अब इस बात पर भी संशय हो गया है कि बीजेपी के युवा नेता के खिलाफ कार्रवाई हो रही है या फिर कांग्रेस कार्यकर्ता के खिलाफ।
उल्लेखनीय है कि शहर के एक नामी चार्टड एकाउंटेंट द्वारा सोशल मीडिया पर ईवीएम के साथ वोट करते वक्त तस्वीर क्लिक की गई, जिससे यह साफ जाहिर हो रहा था कि उन्होंने बीजेपी के पक्ष में वोट किया है। पाठकों को स्पष्ट शब्दों में यह भी समझने की आवश्यकता है कि आपराधिक मामले व कलंदरा में क्या अंतर है। आपराधिक मामला दर्ज होने की सूरत में कोर्ट में चालान दाखिल होता है। जबकि कलंदरा में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं होता। यह निर्भर करता है कि जांच की रिपोर्ट के आधार पर अदालत एफआईआर के आदेश देती है या नहीं।
कुल मिलाकर आधे घंटे से भी कम समय में मामले में नया मोड आ गया है। उधर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी दलीप नेगी ने कहा कि मत डालने की गोपनीयता को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि पुलिस को तमाम मामलों में उचित कार्रवाई करनी चाहिए। सनद रहे कि पंजाब में भी इसी तरह के मामले में लुधियाना पुलिस ने एक आपराधिक मामला दर्ज किया है। अब सवाल यह उठता है कि जब एक राज्य में एफआईआर हो रही है तो दूसरे राज्य में कलंदरा क्यों।