- शैलेंद्र कालरा/शिमला
कहते हैं, भोले शंकर को भोलेपन से ही पाया जा सकता है। कैलाश पर्वत पर रहने वाले शिव शंकर की अगर मेहर हो जाए तो रातों रात ही किस्मत के सितारें चमक सकते हैं। यही कुछ, म्यूजिक क्षेत्र में बाबा जी’ ‘‘हंसराज रघुवंशी’’ व प्रदेश के नामी गायक “सुरेश वर्मा” की जुगलबंदी के साथ हुआ है। भोलेपन में ‘‘मेरे भोले है भंडारी, करते नंदी की सवारी,’’ को चंद महीने पहले धौलाधार की तलहटी में पालमपुर इलाके में वीडियो शूट कर लिया गया। इसके बाद हमीरपुर के आईसुर स्टुडियो में रिकॉर्ड किया जाता है।
लोकगीत पर आधारित इस गीत को मूलतः करनैल राणा ने गाया था, जिसका पहाड़ी लेखन सुभाष रंजन ने किया था। बाबा जी व सुरेश वर्मा ने इस गीत (भजन) को हिन्दी व पहाड़ी में फ्यूज़न किया है। प्रस्तुति में हिन्दी हिस्से को बाबा जी ने सुर दिए हैं, जबकि पहाड़ी हिस्से को लोक गायक सुरेश वर्मा के सुर मिले हैं। वीडियो का गजब निर्देशन सुरेश सुर ने किया है। म्यूजिक वीडियो में संगीत परमजीत पम्मी ने दिया है। आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि यू-टयूब पर 23 फरवरी 2019 को अपलोड किए गए इस वीडियो को अब तक लगभग 3.45 मिलियन के करीब व्यूज मिल चुके हैं, जो संभवतः किसी हिमाचली कलाकार के लिए पहली बार हुआ होगा।
यह अलग बात है कि कई सालों से पार्श्व गायकी में अपनी पहचान बना चुके मोहित चौहान जैसे कलाकारों को व्यूज मिलते होंगे, लेकिन ऐसा पहले नहीं हुआ है, जब सीधे स्वभाव में कम खर्च पर बनाए गए वीडियो ने ताबड़तोड़ सफलता हासिल की हो। अहम बात यह भी है कि वीडियो की अपलोडिंग में दो महीने का वक्त भी नहीं हुआ है। बाबा जी के नाम से अपनी पहचान बनाने वाले हंसराज रघुवंशी मूलतः सोलन-बिलासपुर की सीमा पर अर्की तहसील के मांगल गांव के रहने वाले हैं। लेकिन जन्म बिलासपुर में ही हुआ है। जबकि सुरेश वर्मा मूलतः बिलासपुर के बरमाणा से हैं।
लोक गायक सुरेश वर्मा एसीसी के प्लांट में लंबे अरसे से कार्यरत हैं। बहरहाल अब यह जोड़ी किसी परिचय की मोहताज नहीं रह गई है। जहां तक शोज का सवाल है तो देश के कोने-कोने से जबरदस्त डिमांड आ रही है। राज्य सरकार को भी आगे कदम बढ़ा कर ऐसे कलाकारों की हौंसला अफजाई करनी चाहिए, जिन्होंने देश में ही नहीं, विदेशों में भी अपनी प्रतिभा का डंका बजाया है। इन कलाकारों की बदौलत देवभूमि की खूबसूरत वादियों को देश- विदेश में पहचान मिली है, क्योंकि सुपर हिट हो चुके इस गीत का फिल्मांकन पूरी तरह से हिमाचल के पालमपुर उपमंडल में ही किया गया है। उल्लेखनीय है कि हंसराज रघुवंशी के कई गीत पहले भी हिट हो चुके है ,जबकि सुरेश वर्मा भी एक नामी लोकगायक है।
कैसे मिले दो सुर…
एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने वीडियो की आपार सफलता पर कामयाबी के अहम हिस्सेदार सुरेश वर्मा से फोन पर बातचीत की। उनके मुताबिक बरमाणा में हर साल गुगा मेले का आयोजन किया जाता है। यहां कुछ प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं। इसी में हिस्सा लेने हंसराज रघुवंशी आए थे, जिसमें प्रथम पुरस्कार हासिल किया था। यहीं से आपसी तालमेल बढ़ गया। उनका कहना है कि उन्होंने यह कतई भी नहीं सोचा था कि वीडियो को इस तरह से कामयाबी हासिल हो जाएगी। वर्मा ने बताया कि इस वक्त काफी यू-टयूब चैनल इस वीडियो को अपने तरीके से अपलोड कर रहे हैं। उन्हें सही तरीके से कॉपीराइट के बारे में भी ज्ञान नहीं था। वर्मा ने कहा कि भोले शंकर की कृपा से ही सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि कोई विश्वास करे न करे, लेकिन हकीकत है कि गीत की वीडियो शूट से लेकर रिकॉर्डिंग तक भोलेपन में की गई थी।
जल्द ही बाबा जी….
वीडियो के अहम किरदार हंसराज रघुवंशी को बॉलीवुड की प्लेबैक सिंगिंग में भी मौका मिल गया है। बाबा जी का एक गीत रिकॉर्ड हो चुका है। संभावना जताई जा रही है कि एक नामी बैनर के तले बनी फिल्म का गीत जुलाई के मध्य रिलीज होगा।