एमबीएम न्यूज़/ शिमला
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के कट्टर समर्थकों में शुमार हरीश जनार्था की कांग्रेस में घर वापसी हो गई है। जनार्था फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया था। तब उन्होंने कांग्रेस की टिकट नहीं मिलने पर शिमला विस क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। वह भाजपा प्रत्याशी सुरेश भारद्वाज से बेहद करीबी मुकाबले में हार गए थे। कांग्रेस के हरभजन सिंह भज्जी तीसरे स्थान पर रहे थे। मात्र अढ़ाई हजार वोट ही ले पाए थे। करीब ड़ेढ साल बाद जनार्था की कांग्रेस में वापसी हुई है। वह शिमला नगर के महापौर रह चुके हैं।
शिमला विस क्षेत्र में उनकी अच्छी खासी पकड़ मानी जाती है। पूर्व कांग्रेस शासित वीरभद्र सिंह सरकार के कार्यकाल में वह राज्य पर्यटन निगम के उपाध्यक्ष बनाए गए थे। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर और पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के प्रयासों से जनार्था की कांग्रेस में वापसी हुई है। दरअसल ये दोनों नेता इस बात से भली भांति वाकिफ हैं कि जनार्था की जमीनी पकड़ होने के चलते लोस चुनाव में कांग्रेस को इसका फायदा मिलेगा। कांग्रेस में शामिल होने के बाद जनार्था ने शुक्रवार को पार्टी कार्यालय शिमला में उनके सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा है कि कांग्रेस में वापसी कर खुश हूं।
कांग्रेस की वजह से ही मुझे राजनीतिक पहचान मिली है। मैं आगे भी कांग्रेस की सेवा करता रहूंगा। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ साल से वह पार्टी से बाहर होते हुए भी पार्टी के लिए ही काम कर रहे थे। उन के सभी सहयोगी, जो आज यहां उपस्थित है, वह सब एकजुट कांग्रेस के साथ है। जनार्था ने कहा कि 23 अप्रैल को शिमला में पार्टी प्रत्याशी के नामांकन के दौरान कांग्रेस की एक बड़ी रैली शिमला में आयोजित की जायेगी।
इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा है कि कोई भी संगठन तोड़ कर नही जोड़ कर चलता है। सभी को अतीत की कडबाहट भुला कर सब को एक जुट हो कर लक्ष्य 2019 को हासिल करने का है। राठौर ने कहा कि जब से उन्होंने अध्यक्ष पद को संभाला है तभी सो वो प्रदेश में किसी न किसी कारण से पार्टी से बाहर गए नेताओं व कार्यकर्ताओं को पुनः पार्टी में शामिल कर रहे है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देते समय साफ कहा था कि पार्टी को हर स्तर पर मजबूत किया जाये। इसी एजंडे के साथ वो पार्टी को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे है,ओर उस मे सफल भी हो रहे है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा की उनके पास वीरभद्र सिंह व विद्या स्टॉक्स जैसे वरिष्ठ नेताओं का नेतृत्व है। कांग्रेस अपने वरिष्ठ नेताओं का पूरा मान सम्मान करती है,जबकि भाजपा उन्हें मार्गदर्शक बना कर बाहर कर दर्शक मंडल बना देती है।कांग्रेस और भाजपा में यही बुनियादी फर्क है।
शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमदित्या सिंह ने हरीश जनारथा का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि उनकी घर वापसी से शिमला में कांग्रेस को मजबूती मिलेगी। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर की सराहना करते हुए कहा कि वो पूरी सकारात्मक सोच के साथ कांग्रेस को मजबूत कर रहे है। उन्होंने कहा कि जनारथा की पार्टी में वापसी सही समय का एक्शन है।
शिमला शहर कांग्रेस का गढ़ रहा है,पर पिछले कुछ समय से यहां कांग्रेस में विखराव हो गया था, जो आज जुड़ता हुआ नजर आ रहा है। शिमला का कोई भी संदेश पूरे प्रदेश में जाता है। कांग्रेस विकास की लड़ाई लड़ रही है, जबकि भाजपा जाति और धर्म की। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमे भाजपा के दुष्प्रचार का मुंह तोड़ जबाब देना होगा।