एमबीएम न्यूज़/नाहन
विकास खंड के दुर्गम गांव शेहू बाग निवासी प्रोफेसर डॉ. चमन सिंह को झारखंड की वाईबीएन यूनिवर्सिटी में निदेशक के पद पर नियुक्ति मिली है। प्रोफेसर चमन सिंह ने बताया कि उनका जीवन संघर्ष पूर्ण रहा है और वह निरंतर संघर्षरत रहना चाहते हैं। अपनी हर सफलता का श्रेय माता- पिता को देते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने माता-पिता तथा भाई बहनों का भरपूर स्नेह और आशीर्वाद मिला है, इसी कारण वह जीवन में कुछ अर्जित कर पाए। प्रोफ़ेसर चमन सिंह ठाकुर ने बताया कि उनकी साहित्य और संगीत में गहरी रुचि रही है और उन्होंने बचपन से ही लिखना शुरु कर दिया था।
उन्होंने बताया कि जब वह आठवीं कक्षा में पढ़ते थे तब से कविताएं, गीत, गजल और कहानियां लिख रहे हैं। उन्होंने अपने विद्यार्थी जीवन की यादों को साझा करते हुए बताया कि जब कक्षा में अध्यापक अनुपस्थित होते थे, उस समय भी कविता लिखते रहते थे l इस तरह समय का सदुपयोग करके प्रोफेसर चमन सिंह ठाकुर ने कई बेहतरीन कविताएं लिखी हैं। उनके काव्य संग्रह का विमोचन विश्व प्रसिद्ध योग गुरु स्वामी रामदेव ने पतंजलि योगपीठ हरिद्वार में एक विशाल योग शिविर के दौरान 2012 में किया था।
प्रोफेसर चमन सिंह ठाकुर को भारतवर्ष के विभिन्न राज्यों विभिन्न संस्थाओं ने साहित्य सम्मान से सम्मानित किया है, जिनमें स्व. हरि ठाकुर स्मृति सम्मान छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र से भारत गौरव रत्न सम्मान, भारतीय वांगमय पीठ कोलकाता से कवि गुरु रविंद्रनाथ टैगोर सारस्वत साहित्य सम्मान, महाराष्ट्र से भारत गौरव रत्न, उत्तर प्रदेश से राष्ट्र हिंदी गौरव सम्मान तथा पंजाब से कवि दुष्यंत कुमार समृति सम्मान इत्यादि दर्जनों सम्मान मिल चुके हैं । उन्होंने कहा कि संघर्ष भरे इस सफर में अर्धांगिनी डॉ. अंजलि सिंह का भी भरपूर साथ व सहयोग मिला। वह एक मजबूत चट्टान की तरह हमेशा मुश्किलों में उनके साथ खड़ी रही।
समाज सेवा के अपने मिशन को आगे बढ़ाते हुए प्रोफेसर चमन सिंह ने मानव निर्माण मिशन का गठन भी किया है। समाज सेवा के कार्य में निरंतर लगे रहे हैं,अब तक हजारों पौधे लगा चुके हैं साथ ही पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।