अमरप्रीत सिंह/सोलन
लोकसभा चुनाव की सुगबुहाट के बीच गुंजता निजी स्कूलों में व्यापारीकण का मुद्दा अब राजनीतिक रंग लेने लगा है। इससे पूर्व भी भाजपा नेता निजी स्कूलों की मनमानी पर आंखे मूंदे बैठे थे, वह भी अब इस समस्या में अभिभावकों के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। भाजपाई इस मामले पर उचित जांच की मांग कर रहे है। गौरतलब है कि स्थानीय नेता राजेश कश्यप ने शिक्षा मंत्री से निजी स्कूलों में शिक्षा के व्यापारीकरण पर अंकुश लगाने की मांग की।
वहीं शिक्षा मंत्री ने भी शिक्षा अधिकारियों को उचित जांच के निर्देश दिए। निजी स्कूलों की मनमानी से अभिभावकों में खासा रोष है। अभिभावक एकजुट होकर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ आरपार की लड़ाई की तैयारी में है। वहीं इस गंभीर मामले पर सोलन से भाजपा नेता राजेश कश्यप बीते दिन शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्धाज से इस मामले बारे मिले। उन्होंने निजी शिक्षण संस्थानो की फीस वृद्धि व वार्षिक शुल्क बढ़ौतरी के बारे चर्चा की। शिक्षामंत्री ने शिक्षा अधिकारियों को जांच करने के निर्देश दिए हैं। भाजपा नेता राजेश कश्यप ने बताया कि पिछले कई दिनों से विभिन्न निजी स्कूलों में शिक्षा के व्यापारीकण पर लोग सडकों पर उतर गए है और स्कूल प्रबंधन पर भड़के हुए हैं।
अभिभावक वार्षिक शुल्क न दने पर अड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार की गाइड लाइन के अनुसार यदि गाइड लाइन को निजी स्कूल नहीं मानते तो उनकी मान्यता भी रद्द की जा सकती है। निजी स्कूल बच्चों से मनमानी फीस वसूल कर रहे है। हर व्यक्ति को शिक्षा का अधिकार है लेकिन निजी स्कूलों को शिक्षा के व्यापारीकरण का अधिकार किसने दिया। यह धंधा तो काफी वर्षों से चल रहा है। अब देखना यह होगा कि इस पर अंकुश लगेगा की नहीं।