एमबीएम न्यूज़/शिमला
एक दिन के अवकाश के बाद सोमवार दोपहर दो बजे शुरू हुए विधानसभा के बजट सत्र में प्रश्नकाल के दौरान खूब हंगामा हुआ। विपक्षी दल कांग्रेस ने जनमंच कार्यक्रमों को आयोजित करने की सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए और धन के दुरूपयोग का आरोप लगाया। तब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने स्पष्ट किया कि जनमंच कार्यक्रमों का आयोजन आम जनता की समस्याओं को हल करने में किया जा रहा है। इसमें पूरी पारदर्शिता के साथ धन खर्चा जा रहा है।
बाकयदा इसके ऑडिट का भी प्रावधान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनमंचों की कामयाबी विपक्ष को नहीं भा रही है। यह मुद्दा विपक्ष के गले की फ़ांस बन गया है। उन्होंने कहा कि लोगों की समस्याओं का उनके घर-गांव में समाधान करना सरकार का दायित्व है। इन कार्यक्रमों के आयोजन में बैठने-साउंड सिस्टम, परिवहन और खाने की व्यवस्था करने में खर्चा होता है। वहीं नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जनमंच कार्यक्रम सरकार की कोई नई योजना नहीं है। पूर्व की सरकार में प्रशासन जनता के द्वार कार्यक्रम भी इसी तर्ज पर हुआ करते थे। सरकार ने सिर्फ नाम बदला है।
जिस पर सदन के नेता व सीएम जयराम ठाकुर ने जोर देकर कहा कि जनमंच कार्यक्रम आज तक के इतिहास में पहली बार शुरू हुए हैं। प्रशासन जनता के द्वारा से यह काफी भिन्न हैं। प्रशासन जनता के द्वार में किसी तरह का कोई मैकेनिज्म था ही नहीं। कांग्रेस के जगत सिंह नेगी ने पूरक सवाल में कहा कि जनमंच कार्यक्रमों में लाखों खर्च करने का कोई औचित्य नहीं है और इसका ऑडिट होना चाहिए।
इससे पहले कांग्रेस के नंद लाल के मूल सवाल के जवाब में पंचायती राज व ग्रामीण विकास मंत्री विरेंद्र कंवर ने कहा कि इस साल 15 जनवरी तक आयोजित किए गए 95 जनमंच कार्यक्रमों में 1 करोड़ 61 लाख 37 हजार 553 रूपये खर्च हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनमंच पर 2 लाख खर्च होते हैं।