जीता सिंह नेगी/रिकांगपिओ
जनजातीय जिला किन्नौर के पूहखंड के तहत ठंगी गांव में इन दिनों माघ मेले की शुरुआत हो चुकी है। ठंगी गांव में माघ मेला पूरे आठ दिन चलता है। फिर चाहे बर्फ़बारी ही क्यों न हो। आस्था व विश्वास के इस माघ मेले को ठंगी ग्रामवासी संपूर्ण धरती की अच्छे कामना के लिए ठंगी के स्थानीय देवता रापुक शंकर के समक्ष मनोकामना करते है। बताते चलें कि इस मेले की शुरुआत से लेकर आठवें दिन के अंत तक अलग-अलग तौर तरीकों व पारंपरिक रूप से मेले को मनाया जाता है। जिसमे रापुक शंकर देवता की पालकी उनके मंदिर प्रांगण में स्थानीय लोग लेकर जाते है।
इसके बाद गाँव की महिलाएँ व पुरूष पूरी पारम्परिक वेशभूषा व आभूषण पहनकर देवता रापुक शंकर के समक्ष हर रोज़ अलग-अलग तरीके से मेला करते है। इस मेले में स्थानीय लोग व बौद्ध भिक्षु मिलकर पूजा-पाठ व सुख-समृद्धि की कामना करते है। साथ ही माघ मेले में देवता रापुक शंकर के समक्ष हरेक फसल के दाने पेड़-पौधों की पूजा करते है। जिसे स्थानीय बोली में रूम पजाम कहते है। ताकि सभी नकदी फसलें सेब, अन्य ड्राई फ्रूट्स खुमानी, बादाम, अखरोट सहित अन्य फसल बेहतर रहे।
मेहमान नवाजी भी खूब होती है
इस उत्सव के दौरान नाते रिश्तेदार, सग्गे-संबंधी व दोस्तों को भी विशेष रूप से निमंत्रण देते है। आठ दिन तक खूब मेहमान नवाजी की जाती है।