एमबीएम न्यूज/शिमला/नाहन
केसीसी बैंक भर्ती को रद्द करने से जयराम सरकार को युवाओ की आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। वहीं इसी बीच जूनियर ऑफिस असीस्टेंट (आईटी) के नियमों में संशोधन भी सरकार के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है। राज्य स्तर पर इसका विरोध शुरू हो गया है। हाल ही में सरकार ने केवल उन्हीं संस्थानों के डिप्लोमा मान्य किए हैं, जिनकी संबद्धता बोर्ड या फिर विश्वविद्यालय से है। नाहन में तो बकायदा कड़कती ठंड के बावजूद निजी डिप्लोमा संस्थानों के प्रबंधकों ने एकजुट होकर मोर्चा खोल दिया है। ज्ञापन देने डीसी कार्यालय पहुंचे युवा
उपायुक्त के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित किया गया है। इसके मुताबिक 14 जनवरी को जारी की गई अधिसूचना से युवाओं को आघात लगा है। राज्यपाल को भेजे गए ज्ञापन की मानें तो निजी कंप्यूटर संस्थानों के डिप्लोमा अमान्य घोषित करने से प्रदेश के करीब 50 हजार युवाओं को धक्का लगा है। प्रदेश में कोई भी यूनिवर्सिटी या बोर्ड नहीं है, जो डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन को लेकर मान्यता देता हो। निजी संस्थानों के डिप्लोमा को अवैध घोषित कर सरकार ने युवाओं की बेरोजगारी को बढावा दिया है। राज्य में लाखों युवाओं ने निजी संस्थानों से शिक्षा प्राप्त की है।
ज्ञापन के मुताबिक राज्य में पांच हजार निजी शिक्षण संस्थान हैं, जिनकी प्रदेश व भारत सरकार के विभिन्न निगमों व परिषदों से संबद्धता है। युवाओं के कौशल विकास को बढ़ावा देने में संस्थान अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। ज्ञापन में तर्क दिया गया है कि प्रदेश व केंद्र सरकार युवाओं की उद्यमिता को बढ़ावा देने का दावा कर रही है, वहीं इस तरह के संशोधन कर उन्हें आघात पहुंचाया जा रहा है। ज्ञापन में सरकार से संशोधन नियम को तुरंत ही खारिज करने की मांग की गई है। सिरमौर में निजी कंप्यूटर संस्थानों के प्रबंधकों ने बीजेपी नेता प्रकाश बंसल को समिति का कार्यवाहक अध्यक्ष भी बना दिया है।