एमबीएम न्यूज/नाहन
सिरमौर के ऐतिहासिक राजमहल में रियासत के अंतिम महाराजा राजेंद्र प्रकाश का 106वां जन्मदिन सादे एवं भावपूर्ण तरीके से मनाया गया। अंतिम शासक के वंशज उदय प्रकाश व उनकी पुत्री दिव्याश्री ने दीप प्रज्जवलित करने के बाद समारोह की शुरूआत की। जन्मदिन के अवसर पर अंतिम शासक के वंशज के साथ स्थानीय लोग
इसके बाद दिव्याश्री ने महाराजा राजेंद्र प्रकाश के जीवन पर प्रकाश डालते हुए रियासत के ऐतिहासिक महत्व के बारे में उपस्थित जनसमूह को जानकारी दी। उन्होंने नाहन के लोगों से अपील की कि शाही महल यहां के लोगों की अपनी संपत्ति है। इसके रखरखाव का जिम्मा सबका दायित्व है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह महल के गेट के सामने गाडि़यां पार्क न करें व बाहरी दिवार पर पोस्टर चस्पा न करें। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि जल्द ही शाही महल को जीर्णोद्धार के बाद आम लोगों व पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा।
दिव्याश्री ने हैरानी जताई कि सिरमौर रियासत की समूचे देश में अपनी एक अलग पहचान रही है। मगर दुख का विषय है कि चंडीगढ़ व देहरादून जैसे नजदीकी शहरों में भी लोग रियासत के बारे में नहीं जानते। रियासत के परिचय के लिए वह सार्थक कोशिशें कर रही हैं। बीते दिनों दून स्कूल के 30 छात्रों को शाही महल से मुखातिब करवाया गया।
उल्लेखनीय है कि रियासत के अंतिम शासक का जन्म 1913 में हुआ था। बताते हैं कि शासक के जन्म के दिन शहर में बर्फबारी भी हुई थी। बतौर शासक राजेंद्र प्रकाश का राजतिलक 1933 में हुआ था। जबकि रियासत की बागडोर 1935 में संभाली थी।
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