एमबीएम न्यूज़/शिमला
सूबे के विभिन सरकारी स्कूलों में कार्यरत हज़ारों पीटीए शिक्षकों ने नियमित करने की मांग को लेकर आंदोलन का रास्ता इख्तियार कर लिया है। 12 सालों से सेवाएं देने के बावजूद नियमित नहीं होने पर नाराज़ पीटीए शिक्षकों ने आज राजधानी शिमला में सचिवालय के समक्ष प्रदर्शन किया। अनुबंध शिक्षक संघ (पीटीए) के बेनर तले बड़ी तादाद में एकत्रित पीटीए शिक्षकों ने सरकार से उन्हें नियमित करने की मांग की। विधानसभा का घेराव करते पीटीए शिक्षक
संघ के प्रदेश अध्यक्ष बबिल ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार अध्यापकों को रेगुलर न करने के पीछे पीटीए का केस कोर्ट में पेंडिंग होने का हवाला दे रही है जबकि संघ ने सरकार से कई बार तथ्यों के साथ इस विषय पर सच्चाई सामने रखी है। कहा कि 3 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके सभी अनुबंध कर्मियों को प्रदेश सरकार नियमित कर चुकी है, लेकिन अनुबंध नीति के तहत तय कार्यकाल पूर्ण कर चुके 5 हजार अनुबंध शिक्षक अभी भी नियमितिकरण से वंचित हैं और अनुबंध कार्यकाल पूरा होने पर भी प्रदेश सरकार अध्यापकों को नियमित नहीं कर रही है।
उन्होंने कहा कि 12 से 14 साल से सेवाएं देने के बावजूद भी पीटी अध्यापकों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। उनका यह भी कहना था कि जब सरकार प्रदेश में ग्रामीण विद्या उपासक, पैट, पैरा टीचर्स की नियुक्ति नियमित कर रही है तो पीटीए अनुुुबध अध्यापकों को सरकार नियमित क्योंं नहीं कर सकती। बबिल ठाकुर ने कहा कि 19 जनवरी को प्रस्तावित कैबिनट मीटिंग में सरकार को पीटीए शिक्षकों के पक्ष में अहम निर्णय लेना चाहिए। अन्यथा पीटीए शिक्षक अपने आंदोलन को और तेज़ कर देंगे।
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