एमबीएम न्यूज़/पावंटा साहिब
संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सौजन्य से दक्षिण क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र तंजावूर द्वारा मैसूर में आयोजित मैसूर दशहरा उत्सव में चूड़ेश्वर सांस्कृतिक दल के कलाकारों ने बहुरंगी कलाओं के उत्सव में भाग लेकर सिरमौरी संस्कृति की अमिट छाप छोड़ी है। इस दस दिवसीय दशहरा उत्सव के आयोजन में सिरमौरी कलाकारों ने पारंपरिक लोक नृत्यों का प्रदर्शन किया।
आयोजन में भारत के हिमाचल, गुजरात, सिक्किम, नागालैंड, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू, मणिपुर, उडीसा, तेलंगाना, गोवा, असम, केरल, अरूणाचल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ , मध्यप्रदेश राज्यों के सांस्कृतिक दल अपने लोक नृत्यों की प्रस्तुति दे रहे है। 10 से 14 अक्टूबर तक जिला सिरमौर के जोगिंदर हब्बी के निर्देशन में चूड़ेश्वर सांस्कृतिक मण्डल के कलाकारों ने बसंत व ग्रीष्मकाल की लोक विधाओं में मौसम के अनुसार लोक गीतों व नृत्य की विधाओं की प्रस्तुति के साथ-साथ दीपक व परात नृत्य की आकर्षक सिरमौरी लोकनृत्य की छटा बिखेरी।
चूड़ेश्वर लोक नृत्य सांस्कृतिक मण्डल के महासचिव जोगेन्द्र सिंह हाब्बी ने बताया कि मैसूर में चल रहे इस देश स्तरीय आयोजन में सुप्रसिद्ध लोक गायक रामलाल वर्मा, गोपाल तथा सुनपति की मधुर स्वर लहरियों ने जनमानस की खूब वाहवाही लूटी। वहीं मनमोहन, चमन, अमीचन्द, जोगेन्द्र के परात नृत्य व सरोज, लीला, लक्ष्मी, अन्नू की नृत्य अदाओं ने दशहरा उत्सव के दर्शक की तालियां और सीटियां बटोरने में कामयाबी हासिल की है। उदयपुर की जनता के लिए संदीप व रमेश की सजयोल तथा ओम प्रकाश की नागड़ा व जितेन्द्र की करनाल की ध्वनी की उंची गूंज भी बेहद आकर्षक व रोचक रही है।