एमबीएम न्यूज़/शिमला
लंबे समय से बर्खास्तगी का दंश झेल रहे अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के तदर्थ कमेटी के मुखिया विनोद कुमार को बड़ी राहत प्रदान करते हुए राज्य सरकार ने बहाल कर दिया है। बागवानी विभाग में में अधीक्षक ग्रेड-2 पद कार्यरत विनोद कुमार का बागवानी विभाग के पूर्व प्रधान सचिव से छतीस का आंकड़ा था।
विनोद कुमार को पूर्व कांग्रेस सरकार ने निलंबित किया था। मौजूदा सरकार के शुरू में ही बागवानी निदेशक ने अपनी सेवानिवृत्ति के दिन कठोर कदम उठाकर उन्हें बर्खास्त कर दिया था। इस बारे में प्रभावित कर्मचारी ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को लिखे पत्र में अपना पक्ष रखा था। सरकार ने पाया कि कर्मचारी नेता पर बिना तथ्यों के एकतरफा कार्रवाई की गई है। इसे बाकायदा राजनीतिक उत्पीड़न का मामला करार दिया गया। उन्होंने परिसंघ में रहते पांच साल में पूर्व सरकार के भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों को प्रमुखता से उठाया था।
पिछली सरकार में परिसंघ के नेता विनोद कुमार काफी सुर्खियों में रहे। इस नेता ने अपने ही विभाग के अफसरों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। अफसरों की कार्यप्रणाली और बागवानी विभाग में होने वाली खरीद-फरोख्त पर भी उंगलियां उठाईं। हालांकि, कर्मचारी नेता पर कार्यालय में न आने और गाली गलौज के भी आरोप लगे।