जीता सिंह नेगी/ रिकांगपिओ
जनजातीय क्षेत्र के प्राथमिक स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में नए-नए आयाम स्थापित कर रहे है। शिक्षक भी अच्छा पढ़ाने के साथ-साथ स्कूल नियमों में भी बदलाव कर पूरे प्रदेश स्तर पर जिला का नाम रोशन कर है। पूर्व में किन्नौर का कोठी सेंटर स्कूल पूरे प्रदेश में पहला बैगलेस स्कूल बना था। शिक्षकों के ड्रेस कोड को लेकर सरकार व शिक्षकों के बीच मे सहमति नहीं बनने के बीच आज प्राथमिक सेंटर स्कूल तंगलिंग के शिक्षकों ने ड्रेस कोड बना कर बीच का रास्ता निकाला है।
ताकि शिक्षकों को एक अलग पहचान मिले। जिस तरह अस्पतालों में डॉक्टर व नर्स सफेद कोट पहनते है। जिस से यह पता चलता है कि वे मेडिकल विभाग से है। इसी तर्ज पर शिक्षकों ने भी हरा रंग का कोट (एप्रेन ) तैयार किया है।जिस में स्कूल का लोगो लगा है। ताकि सब को पता चल सके कि वे शिक्षा विभाग के है। अभी यह कोट तंगलिंग सेंटर स्कूल के तहत आने वाले 9 प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों ने बनाया है।
इन स्कूलों के शिक्षकों का प्रयास सफल रहा तो वो दिन दूर नहीं जब इस तरह का ड्रेस कोट एप्रेन किन्नौर में ही नहीं पूरे प्रदेश में लागू होगा। आज जिला का प्राइमरी स्कूल पढ़ाई में भी प्रदेश में अव्वल रहा है। गत वर्ष 2017 के नेशनल एचीवमेंट सर्वे हुआ। पूरे प्रदेश में तीसरी कक्षा के छात्रों का मेथ्स, ईवीएस व हिंदी का टेस्ट हुआ।
जिस में जिला का प्राइमरी स्कूल प्रदेश में तीसरे नंबर पर रहा। इसी तरह कक्षा पांच के छात्रों का टेस्ट लिया गया। जिस में हिंदी व इवीएस में जिला का प्राइमरी स्कूल पांचवे स्थान पर रहा, जब कि मेथ्स में सातवें नम्बर पर रहा। इसी तरह आज जिला के अधिकांश प्राइमेरी स्कूलों में कंप्यूटर से भी शिक्षा दी जा रही है।
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