सुभाष कुमार गौतम/घुमारवीं
बिलासपुर जिला में पिछले दिनों से डेंगू की दहशत ने सबको हिला कर रख दिया है। दिन-प्रतिदिन मामले बढते ही जा रहे हैं। अब तो हालात यह हो गए है कि डेंगू से पीड़ित लोगों का आंकड़ा 85 को छू गया है। अगर इसकी रोकथाम के लिए पुख्ता कदम नहीं ऊठाए गए तो आंकड़ा तीन अंको को भी छू सकता है।
इस बात को प्रशासन व विभाग भले ही गंभीरता से नहीं ले रहा हो लेकिन इसको कंट्रोल करना कोई आसान बात नहीं है। हैरानी की बात है कि यह आंकड़ा हिमाचल प्रदेश के अन्य जिलों के मुकाबले बहुत ज्यादा है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि यह जिला केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का है। अगर उसमें ही ऐसे हालात हो तो औरों का क्या हाल होगा।
नए-नए मामले सामने आ रहे हैं, जबकि डेंगू से निपटना जितना स्वास्थ्य विभाग आसान समझ रहा है उतना ही पेचीदा होता जा रहा है। डेंगू से पीड़ित लोगों के मामले झंडूता व घुमारवीं में भी सामने आए हैं। इस बीमारी को रोकने के लिए अब विभाग के हाथ भी खड़े होने लगे हैं। इस बारे में लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ फॉग स्प्रे व साफ सफाई का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। लेकिन फिर भी स्थिति कंट्रोल में नहीं दिखाई दे रही है।
डीसी विवेक भाटिया ने इस बारे में आपातकाल बैठक बुलाई और इसमें सभी विभागों को अलर्ट किया गया। इससे पहले की डेंगू और गंभीर रूप धारण कर ले इसकी रोकथाम जरूरी है। इसमें सभी विभागों के अधिकारयों ने भाग लिया। डीसी ने डेंगू से निपटने के लिए हर संभव कदम उठाने के निर्देश दिए है। इस बैठक में शिमला से आई विशेष टीम ने डेंगू के बारे में ली गई रिपोर्ट पर भी चर्चा की। डेंगू की रोकथाम के लिए सुझाव दिए।
बिलासपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी बीके चौधरी के अनुसार विभाग लोगों को इस बारे में जागरूक कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को जागरूक करने व इसकी रोकथाम के लिए नौ टीमें बनाई हैै। डेंगू की रोकथाम के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। शीघ्र ही सारे हालात पर काबू पा लिया जाएगा।