नितेश सैनी/सुंदरनगर
डैहर उपतहसिल के साथ बहती सतलुज नदी में एकाएक पानी पढ़ने के साथ ही सतलुज तट किनारे घूमने गए बिलासपुर ज़िला के तीन युवक पानी के बीचोबीच फंस गए, जिन्हें 3 घंटो की कड़ी मशक्कत के बाद सुन्दरनगर प्रशाशन और पुलिस व स्थानीय लोगो की सहायता से सकुशल बचाया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बिलासपुर जिले के तीन युवक रविवार को डैहर क्षेत्र के अलसू गऊ सदन के साथ लगते रास्ते से सतलुज के छिछले कम पानी में प्रचंड गर्मी से राहत पाने और मौज मस्ती करने हेतु नदी के बीचोबीच स्थित पत्थरो और बजरी पर जा बैठे। सतलुज नदी पर स्थित दोनों परियोजनाओं में विद्युत उत्पादन के बाद एकाएक भारी मात्रा में पानी छोड़ने के बाद सतलुज नदी के बीच मस्ती कर रहे युवको के दोनों ओर से भरी मात्रा में पानी आ गया जिससे वे तीनों सतलुज की प्रचंड तेजधार लहरों के मध्य जीवन और मौत के बीच फंस गए।
मौत को सामने देख चीखने चिल्लाने पर साथ लगते गऊ सदन में काम कर रहे लोगो ने फौरन सभी युवको को नदी के बीच बने पत्थरो के बड़े टीले पर चढ़कर पानी कम होने का इंतज़ार करने की हिदायत दी गयी जिसके बाद युवको द्वारा भी ग्रामीणों की बात मानकर ऊंचे टीले पर जा बैठे। इस हादसे की भी स्थानीय लोगो द्वारा डैहर पुलिस और सुंदरनगर प्रशाशन को दी गयी जिसपर सुंदरनगर थाना प्रभारी गुरबचन सिंह, डैहर पुलिस चौकी के जवान और एसडीएम सुन्दरनगर राहुल चौहान ने मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया।
इस दौरान एसडीएम सुंदरनगर द्वारा बीबीएमबी और एनटीपीसी विद्युत परियोजनाओं से दूरभाष पर पानी बंद करवाया गया। तीन घंटो की कड़ी मशक्कत के बाद जब पानी का बहाव और स्तर कम हुआ तब पुलिस जवानों और स्थानीय लोगो द्वारा युवको को टाइल से निकलकर सुरक्षित स्थान पर लाया गया।
तीनो युवको की पहचान कमलेश कुमार (23)पुत्र जीतराम गावँ लाघट डाकघर बरमाणा तहसील सदर ज़िला बिलासपुर, मोहित शर्मा(22)पुत्र मोहिंदर नाथ गावँ चंगर प्लासनी डाकघर कोठीपुरा तहसील सदर ज़िला बिलासपुर,संजीव कुमार(19)पुत्र रूपलाल गावँ लाघट डाकघर बैरी राजादियाँ तहसील सदर ज़िला बिलासपुर के रूप में हुई है। पुलिस ने तीनो युवको के बयान कलमबंद करके उन्हें घर भेज दिया गया है।
बताते चले कि इसी स्थान पर दो वर्ष पहले भी एकाएक पानी बढ़ने के कारण एक युवक की मौत हो चुकी है और इस वर्ष भी नदी में पानी के एकाएक बढ़ने के बाद पुलिस और स्थानीय लोगो द्वारा अब तक यह दूरी घटना है जिसमे सतलुज में फंसे लोगों की जान बचाई गयी है।लेकिन आज दिन तक स्थानीय लोगो की सुरक्षा को देखते हुए दोनों विद्युत परियोजनाओं द्वारा पानी छोड़ने से पूर्व चेतावनी देने हेतु कोई भी सायरन अथवा हूटर क्षेत्र में स्थापित नही किया गया है। इनकी लापरवाही लोगो की जान पर भारी पड़ रही है।