एमबीएम न्यूज़ / शिमला
हिमाचल की जयराम सरकार अपने दो विधायकों को कैबिनेट रैंक का ओहदा देने की तैयारी में है। प्रदेश सरकार ने बुधवार को बजट सत्र के दौरान विधानसभा में हिमाचल प्रदेश विधान सभा मुख्य सचेतक और उप मुख्य सचेतक के वेतन, भत्ते और अन्य प्रसुविधाएं विधेयक, 2018 पेश किया। इस बिल में बहुमत प्राप्त दल के मुख्य सचेतक और उप मुख्य सचेतक को वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाएं दी जाएंगी। यह बिल कल चर्चा के बाद पारित हो जाएगा और इसके बाद सतापक्ष अपने दो विधायकों को इन पदों पर तैनाती देगी।
इस तरह का बिल प्रदेश में पहली बार लाया गया है और बिल पेश करते हुए विपक्षी कांग्रेस ने इस मुददे पर सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी। कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने इस बिल पर आपति जताई और कहा कि इसे लाने की जरूरत नहीं है। अग्निहोत्री ने सरकार से सवाल किया कि क्या विपक्ष पर नजर रखने के लिए इस बिल को सरकार द्वारा लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस बिल के जरिए सरकार दो विधायकों को कैबिनेट मंत्री के समक्ष सुविधाएं देगी और ये दोनों लाभ के पद और विपक्ष इसके पक्ष में नहीं है।
वहीं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बिल पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि कई प्रदेशों की विधानसभाओं में यह प्रावधान पहले से है। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी पिछली सरकार में 9 मुख्य संसदीय सचिव बनाए गए थे, जबकि हम इस बिल को पारित कर केवल दो पद सृजित करने जा रहे हैं और विपक्ष को इसकी आलोचना नहीं करनी चाहिए।
इस बीच सदन में आज तीन विधेयक पारित हुए। इनमें हिमाचल प्रदेश हिन्दू सार्वजनिक धार्मिक संस्था और पूर्त विन्यास (संशोधन) विधेयक, 2018 हिमाचल प्रदेश नगर और ग्राम योजना (संशोधन) विधेयक, 2018 (2018 का विधेयक संख्यांक 3 और हिमाचल प्रदेश एकल खिड़की (विनिधान, संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2018 (2018 का विधेयक संख्यांक 5) शामिल हैं।
इस दावेदारी में नरेंद्र बरागटा व रमेश ध्वाला आगे हैं।
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