कुल्लू (एमबीएम न्यूज़ ): महिला एवं बाल विकास विभाग ने जिला के छैंउर क्षेत्र में एक बाल विवाह होने से रोक दिया है। छैंउर क्षेत्र में एक नवालिगा की शादी करने की तैयारियां चल रही थी कि उसी दौरान किसी ने इसकी सूचना महिला एवं बाल विकास विभाग को दी और बाल विकास विभाग ने तुरंत संज्ञान लेते हुए वृत पर्यवेक्षक नरेश कौडल के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया और मौके पर जाकर दोनों पक्षों के परिजनों को परामर्श दिया गया और शादी समारोह को रूकवाया गया। दोनों पक्ष परामर्श करने पर शादी न करवाने पर मान गए।
पर्यवेक्षक नरेश कौडल ने बताया कि दोनों पक्ष इस बात पर राजी हो गए हैं कि वे उनकी शादी वालिग होने पर करवाएंगे। उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों के परिजनों को यह पता नहीं था कि लड़की की शादी 18 साल पूरे होने पर करवाई जाती है। उन्होंने बताया कि इस दौरान उनके साथ आंगनवाडी़ कार्यकर्ता बिमला देवी,राधा ठाकुर, मीना देवी और सरीता देवी भी शामिल थी।
उन्होंने बताया कि लड़की आने वाले वर्ष में फरवरी को 18 साल की होगी। जबकि अभी वह नवालिग थी। उन्होंने बताया कि परिजनों ने नवालिग लड़की की शादी करने की तिथि 28-29 सितंबर को करवाना निर्धारित की थी और इसकी पूरी तैयारी हो चुकी थी। लड़की दसवीं से स्कूल की पढ़ाई छोड़ चुकी थी और परिजन उसकी शादी करवाने जा रहे थे। इस घटना के बाद जिला कार्यक्रम अधिकारी विरेंद्र सिंह आर्य ने आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए हैं कि वे इस तरह के बाल विवाह करवाने वालों पर नजर रखें और इसकी जानकारी विभाग को दें।