मंडी ( वी कुमार ): हिमाचल प्रदेश में पहली बार ऐसे साईन बोर्ड लगने जा रहे हैं जिसमें लिखा होगा कि यहां सेल्फी लेना प्रतिबंधित है। सेल्फी के कारण होने वाले हादसों को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने यह निर्णय लिया है। ब्यास नदी के किनारे एनएच 21 पर यह साईन बोर्ड लगाने का निर्णय लिया गया है।
सेल्फी के शौकीन ब्यास नदी की खूबसरती को देखकर अपनी जान जोखिम में डाल देते हैं। यही कारण है कि सेल्फी के चक्कर में ब्यास नदी में बीते वर्षों के दौरान कई हादसे हो चुके हैं। आए दिन हो रहे हादसों को रोकने के लिए अब पुलिस ने सेल्फी प्रतिबंधित इलाकों को चयनित कर दिया है। नेशनल हाईवे 21 पर मंडी से औट तक ऐसे 20 स्थान चिन्हित किए गए हैं जहां पर सेल्फी लेना पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। यह प्रदेश में पहली बार होगा जब किसी स्थान को सेल्फी लेने के लिए प्रतिबंधित घोषित किया जाएगा।
डीएसपी हैडक्वार्टर हितेश लखनपाल ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि मंडी जिला पुलिस 108 एम्बुलेंस सेवा के सहयोग से सेल्फी प्रतिबंधित क्षेत्रों पर साईन बोर्ड लगाने जा रही है। उन्होंने बताया कि साईन बोर्ड के माध्यम से लोगों यह संदेश देने का प्रयास किया जाएगा कि यहां पर सेल्फी लेना जानलेवा हो सकता है। वहीं कुछ ऐसे स्थानों को भी प्रतिबंधित करने की योजना है जहां पर पहाड़ी से पत्थर आदि गिरने का खतरा रहता है।
मंडी जिला की सीमा सलापड़ से शुरू हो जाती है और जहां पर सबसे अधिक हादसे होते हैं वो इलाका मंडी से औट के बीच पड़ता है। मंडी से औट तक एनएच 21 के किनारे ब्यास नदी बहती है और बाहर से आने वाले सैलानी इसकी खूबसूरती के कारण इसके इतना नजदीक चले जाते हैं कि अपनी जान को जोखिम में डाल देते हैं। 8 जून 2014 को थलौट के पास हैदराबाद के जो 25 छात्र ब्यास नदी में बहे थे वह भी सेल्फियां और फोटो लेने के लिए ही नदी के बीच तक चले गए थे।
दिनों दिन बढ़ रहे हादसों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोगों में सेल्फी को लेकर कितना क्रेज है। लेकिन लोग हादसों से भी सबक न लेकर सेल्फी के चक्कर में अपनी जान जोखिम में डाल देते हैं। अब ऐसे में देखना होगा कि सेल्फी प्रतिबंधित क्षेत्रों के प्रति सेल्फी के चाहवानों का क्या रूख रहता है।