धर्मशाला (एमबीएम न्यूज): वैसे तो पुलिस को अपराध पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी होती है, लेकिन कई मर्तबा यह मसला सामने आता है कि सामाजिक सरोकार भी निभाना पड़ता है। खासकर तब, जब लोग खुद ही अपनी जान को आफत में डालने को तैयार हों। दरअसल कांगड़ा पुलिस की एक टीम रोजाना नदी व नालों की पहरेदारी कर रही है, क्योंकि बेपरवाह पर्यटक व लोग नदी-नालों में उतर जाते हैं।
अचानक ही धौलाधार की चोटियों पर बारिश होने से जलस्तर बढ़ सकता है। हालांकि चेतावनी बोर्ड लगे हैं, लेकिन लोग नहीं मानते। लिहाजा पुलिस को ही सीटियां बजाकर लोगों को हटाना पड़ता है।
एसपी संजीव गांधी का कहना है कि अगर लोग खुद ही जागरूक हों तो पुलिस को इस अतिरिक्त डयूटी से बचाया जा सकता है, ताकि इसका इस्तेमाल कहीं ओर किया जा सके। उन्होंने कहा कि कांगड़ा घाटी में मानसून पूरी तरह सक्रिय है, लेकिन पर्यटक मनोरंजन के लिए नदी-नालों में उतरने का जोखिम उठा लेते हैं, जिससे किसी बड़ी त्रासदी की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता, लिहाजा पुलिस को ही अपने स्तर पर कार्रवाई करनी पड़ती है।