कुल्लू (नीना गौतम) : तकरीबन 48 घंटे में दिल्ली से लेह तक 1200 किलोमीटर का सुहावना व रोमांचक सफर शुरू हो गया है। दरअसल हिमाचल पथ परिवहन कीबस इस रूट पर चलनी शुरू हुई है। बस का किराया 1380 रूपये है। एचआरटीसी के इसी रूट की बदौलत लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड भी बन चुका है। मैदानी ईलाकों की गर्मी से गुजरने के बाद बर्फ की सुरंग से गुजरती बस का सफर अपने आप में एक रोमांच है। बस के चालक व परिचालक यात्रियों से फ्रैंडली व्यवहार रखते है। प्रबंधन भी यहीं चाहता है कि बस के यात्रियों को रास्ते में आने वाले मनमोहन नजारों को निहारने का मौका मिल सकें।
हाल ही में शुरू हुई इस बस सेवा का दिल्ली से प्रस्थान का समय शाम पौने 4 बजे का है। अगले दिन 4 बजे केलंग पहुंचती है। यहां यात्री रात्रि ठहराव करते है। सुबह 5 बजे लेह का सफर शुरू होता है। दिलचस्प है कि बस 13050 फीट ऊंचे रोहतांग दर्रे को तो पार करती ही है, साथ ही 17480 फीट ऊंचे तंगलंगला दर्रे पर भी पहुंच जाती है। विदेशी सैलानी भी अब इस बस का जमकर लुत्फ उठाने लगे है।
खास बात यह है कि एचआरटीसी की इस बस में कोई विशेष इंजीनियरिंग नहीं होती है। अलबत्ता इतना जरूर है कि इस रूट पर नई बस ही चलाई जाती है। 15 सितबंर को इस बस सेवा को बर्फबारी की वजह से बंद कर दिया जाता है। तकरीबन साढे 3 महीने विश्व के सबसे लंबे रूट पर बस चलती है। साथ ही 17 हजार फुट की ऊंचाई को भी छू लेती है।