मंडी (वी.कुमार) : हिमाचल प्रदेश की दस जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डाइट) में दो साल का प्रशिक्षण ले रहे 3000 जेबीटी (नया नाम डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन) प्रशिक्षुओं की शिक्षा विभाग के तुगलकी फरमानों ने नींद उड़ा कर रख दी है। हैरानी व परेशानी यह है कि इन प्रशिक्षुओं का सिलेबस 15 महीनों में चार बार बदला जा चुका है। इन प्रशिक्षुओं के सब्र का बांध उस समय टूट गया जब चौथी बार सिलबेल बदलने का आदेश शिक्षा विभाग ने जारी कर दिया। प्रशिक्षुओं के पांव तले जमीन खिसक गई क्योंकि न तो अभी तक पहले ही साल की परीक्षा ली गई है और उपर से पढ़ाई भी लगभग पूरी होने वाली है।
अपनी इस व्यथा को सुनाते हुए प्रशिक्षुओं ने बताया कि 26 जुलाई 2015 को इसमें प्रवेश के लिए परीक्षा ली गई थी। आठ महीने बाद अप्रैल 2016 में उनकी कक्षाएं आरंभ हुई। उस समय आदेश आया कि इन प्रशिक्षुओं को डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन का सिलेबस पढ़ाने की बजाय जेबीटी का ही सिलेबस पढ़ाया जाएगा। इसके खिलाफ जब आवाज उठाई गई तो 7 मार्च 2017 को प्रारंभिक शिक्षा द्वारा दस महीने बाद निर्देश दिए गए कि जेबीटी प्रशिक्षुओं को एलीमेंटरी एजुकेशन वाला सिलेबस पढ़ाया जाए।
एलीमेंटरी एजुकेशन वाला सिलेबस पढने के लिए प्रशिक्षु खुशी-खुशी तैयार भी हो गए मगर 15 मार्च को फिर से 2015 के बैच वाले प्रशिक्षुओं का सिलेबस ही करने के निर्देश जारी कर दिए गए। अब जबकि प्रशिक्षु अपने सिलेबस को लगभग पूरा कर चुके हैं तो प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने फिर से फैसला बदल दिया कि परीक्षाएं पुराने सिलेबस के अनुसार ही होंगी। बार-बार आदेश निर्देश बदले जाने से परेशान प्रशिक्षुओं ने मांग की है कि उनकी परीक्षाएं नये सिलेबस के अनुसार ही ली जाएं। ऐसा न करने की सूरत में सभी प्रशिक्षु सडकों पर आकर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।