नाहन (एमबीएम न्यूज): शिवरात्रि के पर्व से बिना सोचे-समझे भोले के दर्शनों के लिए श्रद्धालु चूड़धार चोटी पर चढऩे लगे हैं। चूंकि अधिकारिक यात्रा नहीं शुरू हुई है, लिहाजा चोटी पर पहुंचने के लिए न केवल जोखिम उठाया जा रहा है, बल्कि श्रद्धालुओं को भूखे भी लौटना पड़ रहा है।
दरअसल शिवरात्रि पर लगभग 300 श्रद्धालुओं का हजूम चोटी पर उमड़ पड़ा। ठहरने की सराय पर भी ताले लटके थे, साथ ही ढाबे भी बंद हैं। पानी का भी संकट है। ऐसे में चोटी पर मौजूद ब्रह्मचारी जी अपने एक सेवक के साथ इतने बड़े हजूम को कैसे संभालते। अपील की जा रही है कि जब तक चूड़ेश्वर सेवा समिति अधिकारिक तौर पर यात्रा शुरू होने का ऐलान नहीं करती, तब तक बिना सोचे-समझे चोटी की चढ़ाई न करें।
हरिपुरधार से चोटी पर गए कुछ युवकों ने तीन दिन तक श्रद्धालुओं की सेवा की। क्योंकि चोटी पर पहुंचने का सिलसिला नियमित हो रहा है। मांग की जा रही है कि संगड़ाह व चौपाल प्रशासन को तत्काल प्रभाव से इस दिशा में कदम उठाने चाहिए। चोटी पर ब्रह्मचारी जी के आश्रम में दो ही कमरे हैं, लिहाजा 300 लोगों का रात्रि ठहराव कैसे संभव हो सकता है।
जानकार बता रहे हैं कि स्थानीय लोगों के अलावा बाहरी राज्यों से भी लोग ट्रैकिंग करने आना शुरू हो गए हैं, जो जोखिमपूर्ण भी है। क्योंकि कई स्थानों पर 7 से 8 फुट बर्फ मौजूद है। इस माह के आखिर में मौसम विभाग ने भी बारिश की चेतावनी जारी की है। चूड़धार चोटी पर पहुंचने के लिए नौहराधार व शिमला के सराहं के रास्तों को इस्तेमाल किया जाता है।
जानकारों के मुताबिक नौहराधार की तरफ से इस समय चोटी पर चढऩा काफी खतरनाक है। एमबीएम न्यूज नेटकर्व भी श्रद्धालुओं से यात्रा के अधिकारिक तौर पर शुरू होने तक चोटी पर न चढऩे का आग्रह करता है।