मंडी (वी कुमार) : मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज सुन्दरनगर स्थित महाराजा लक्ष्मण सेन मेमोरियल कालेज के वार्षिक समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि बहुत पहले शिमला में क्रिश्चियन मिशनरियों द्वारा खोले गए कालेज सेंट बीड्स को राज्य सरकार ने अनुदान के रूप में वित्तीय सहायता आरंभ की थी।
इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार महाराजा लक्षमण सेन मेमोरियल कालेज सुन्दरनगर, डीएवी कालेज कांगड़ा, कोटखाई के एक महाविद्यालय सहित एक व दो अन्य कालेजों को उन्हें वित्तीय संकट से उभारने तथा उनके संसाधनों को सुदृढ़ करने के लिये वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब से राज्य सरकार द्वारा सूचीबद्ध महाविद्यालयों को छोड़ अन्यों की संस्तुति वित्तीय सहायता के लिए नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस महाविद्यालय को वित्तीय सहायता प्रदान करने के मामले पर शिक्षा विभाग विचार कर रहा है और शीघ्र ही इसका समाधान कर लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि जो महाविद्यालय हमारी सूची में हैं और अनुदान प्राप्त कर रहे हैंए को निश्चित तौर पर इससे वंचित नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हालांकि प्रदेश सरकार नियमों में बदलाव नहीं कर सकतीए लेकिन कुछ मामलों में छूट दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि सुन्दरनगर स्थित महाराजा लक्षमण सेन मेमोरियल कालेज को पर्याप्त सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी।
वीरभद्र सिंह ने विद्यार्थियों से समर्पण की भावना से शिक्षा ग्रहण करने का आह्वान कियाए ताकि वे अपने निर्धारित लक्ष्यों को हासिल कर सकें। उन्होंने कहा कि लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कठिन परिश्रम के साथ.साथ अनुशासनात्मक जीवन की भी आवश्यकता होती है।
उन्होंने कहा कि जो विद्यार्थी हुड़दंग आदि गतिविधियों में संलिप्त हैं और अहिंसा फैलाते हैंए के लिये उच्च शिक्षण संस्थानों में कोई भी स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि हिप्र विश्वविद्यालय के कुलपति को ऐसे विद्यार्थियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं। ऐसे विद्यार्थी जीवन में कभी भी सफलता प्राप्त नहीं कर सकते और दूसरों के हाथों खेलकर इनका मकसद उपद्रव उत्पन्न करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के शिक्षण संस्थानों, विशेषकर कालेजों एवं विश्वविद्यालयों में चुनावों पर प्रतिबन्ध लगाया गया है। संघों को सरकारी सम्पदा को नुकसान पहुंचाने का कोई भी अधिकार नहीं है।
उन्होंने चरित्र निर्माण पर बल दिया तथा कहा कि जीवन में सफलता हासिल करने के लिए कठिन अध्ययन की आवश्यकता होती है, जो एक मजबूत राष्ट्र के निर्माण में मददगार होता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विकास की कुंजी है, इसी उद्देश्य के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने गत चार वर्षों के दौरान राज्यों में 45 नए महाविद्यालय खोले हैं, जिससे अब प्रदेश में कालेजों की संख्या बढ़कर 119 हो गई है।
इस अवसर पर छात्र-छात्राओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।
आबकारी एवं कराधान मंत्री प्रकाश चौधरी, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री, एपीएमसी मण्डी के अध्यक्ष हिरेन्द्र सेन, मण्डी नगर समिति की अध्यक्ष नीलम शर्मा, नगर परिषद सुन्दरनगर की अध्यक्ष पूनम शर्मा, अनुसूचित जाति-जनजाति बोर्ड के उपाध्यक्ष टेक चन्द डोगरा, हिप्र कांग्रेस समिति के सचिव संजय डोगरा, मुख्यमंत्री के ओएसडी अमितपाल सिंह, हिप्र राज्य सहकारी बैंक के निदेशक मण्डल के सदस्य केश्व नाईक, उपायुक्त मण्डी संदीप कदम, पुलिस अधीक्षक प्रेम कुमार व अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।