मंडी (वी कुमार) : शहर का इकलौता मैदान बीते 6 महीनों से मुरम्मत कार्य के चलते बंद पड़ा हुआ है। इस कारण शहर के खिलाडि़यों को इस मैदान का कोई लाभ नहीं मिल रहा है। मुरम्मत कार्य काफी धीमी गति से चला हुआ है, जिस कारण खिलाडि़यों में सरकार और प्रशासन के प्रति निराशा देखने को मिल रही है।
बात चाहे खेलों की हो या फिर राजनीतिक जनसभाओं की। सभी के लिए सिर्फ मंडी का ऐतिहासिक पड्डल मैदान ही इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि राजनीतिक जनसभाएं और बाकी कार्यक्रम कभी-कभार ही होते हैं, लेकिन वर्ष भर इस मैदान का लाभ उन खिलाडि़यों को मिलता है, जो अपनी प्रैक्टिस करने यहां आते हैं। लेकिन इसे खिलाडि़यों का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि बीते करीब 6 महीनों से उन्हें इस मैदान का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के बाद से पड्डल मैदान की मुरम्मत का कार्य शुरू कर दिया गया था लेकिन 6 महीने बीत जाने के बाद भी इस मैदान की मुरम्मत को पूरा नहीं किया जा सका है। अभी मैदान की जो थोड़ी बहुत दशा सुधरी है उसके पीछे प्रधानमंत्री का दौरा रहा है। जब पीएम ने यहां पर रैली को संबोधित करना था तो मात्र 5 दिनों में पूरे मैदान को चकाचक कर दिया गया, लेकिन बाकी कार्य अभी भी लंबित पड़ा हुआ है, जिसे स्थानीय खिलाड़ी जल्द पूरा करने की मांग उठा रहे हैं।
बता दें कि ऐतिहासिक पड्डल मैदान को संवारने के लिए डेढ़ करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है जिसमें से 80 लाख का टेंडर जारी करके मुरम्मत कार्य शुरू करवा दिया गया है। इस कार्य को शुरू करवाए हुए 6 महीनों से भी अधिक का समय बीत गया है। मुरम्मत कार्य में मैदान को पूरी तरह से समतल करना, इसमें घास उगाना, मैदान के बाहर पैदल चलने वालों के लिए रास्ते का निर्माण करवाना आदि कार्य शामिल हैं।
जब इस बारे में लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता डीसी यादव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि दिसंबर महीने तक मैदान को पूरी तरह से सुचारू कर दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि मंडी का अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव इसी पड्डल मैदान पर आयोजित किया जाता है, जिस कारण भी मैदान की हालत काफी दयनीय हो जाती है। अब ऐसे में सरकार व प्रशासन ने शिवरात्रि महोत्सव का आयोजन स्थल यहां से बदलकर शहर से बाहर ले जाने का निर्णय लिया है, ताकि मैदान को बार-बार नुकसान न पहुंच सके।