शिमला (एमबीएम न्यूज) : मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू को हटाने की न तो वकालत की है और न ही इस संबंध में हाईकमान को किसी तरह का पत्र लिखा है। वीरभद्र ने कहा कि इसे लेकर मीडिया में प्रकाशित हो रही खबरें तथ्यों से परे हैं। उन्होंने सुक्खू की पीठ थपथपाते हुए कहा कि वह संगठन में अच्छा काम कर रहे हैं और उम्मीद है कि आगे भी बढि़या काम होता रहेगा। मुख्यमंत्री गेयटी थिएटर में हिंदी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस संगठन में सुक्खू को हटाने की अटकलों से सियासी पारा गरमाया हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला नगर या अन्य स्थानों पर बंदरों के आतंक से निपटने के लिए और उन्हें मारने के लिए फिर से विचार करने की जरूरत है तथा इस प्रक्रिया को अधिक सरल बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि बंदरों या गर्भवती मादा बंदरों को मारा नहीं जा सकता है, लेकिन उनकी जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए कुछ अन्य प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा।
कुल्लू के रघुनाथ मंदिर बारे पूछे प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने फिर स्पष्ट किया कि कोई भी मंदिर या धार्मिक स्थान निजी संपति के दायरे में नहीं आता।
विपक्ष के नौकरियों में धांधलियों के आरोपों पर वीरभद्र ने कहा कि उनकी सरकार पूरी पारदर्शिता से काम कर रही है जबकि पूर्व बीजेपी सरकार के कार्यकाल में चिटों पर नौकरियों बांटी गई थीं। ये सब उन्ही की परंपरा है। वीरभद्र सिंह ने कहा कि पूर्व धूमल सरकार ने चहेतों को चिटों पर भर्ती की थी। हमारी सरकार अब पूरी पारदर्शिता से एक सही प्रक्रिया के साथ पात्रों को नौकरी दे रही है। जबकि पूर्व सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया।