मंडी (वी कुमार) : शिमला में स्क्रब टायफस के कारण हो रही मौतों को लेकर मंडी जिला का स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है। स्वास्थ्य विभाग ने जिला भर के सभी स्वास्थ्य संस्थानों को निर्देश जारी किए गए हैं कि ऐसे संभावित मरीजों को तुरंत उपचार दिया जाए और उन्हें टेस्ट करवाने के लिए जोनल हास्पिटल मंडी भेजा जाए, ताकि समय रहते इसका उपचार शुरू किया जा सके।
बता दें कि स्क्रब टायफस की बीमारी एक पिस्सू के काटने से होती है और यह पिस्सू घास में पाया जाता है। इस पिस्सू के काटने के बाद इंसान को तेज बुखार आना शुरू हो जाता है, जिसे जोड़-तोड़ का बुखार भी कहा जाता है। यदि समय रहते इसका उपचार शुरू न किया जाए तो फिर व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। आईजीएमसी शिमला में स्क्रब टायफस के कई मरीजों की मौत हो चुकी है।
मंडी जिला में हालांकि अभी तक इसका इतना ज्यादा प्रभाव देखने को नहीं मिल रहा है। इस वर्ष में अभी तक जिला के 354 संभावित मरीजों के टेस्ट करवाए गए, जिसमें से 21 लोगों में स्क्रब टायफस के लक्षण पाए गए। इन मरीजों को स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत प्रभाव से उपचार शुरू कर दिया और अब यह सभी सुरक्षित है।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. जोगिंद्र ठाकुर ने बताया कि जिला में इस बीमारी का सारा उपचार निशुल्क किया जा रहा है। यहां तक कि हास्पिटल में चल रही एसएलआर लैब में भी इसके टेस्ट निशुल्क किए जा रहे हैं ताकि मरीजों को सुविधा मिल सके। उन्होंने लोगों से भी आग्रह किया है कि वह बुखार आदि आने पर ढील न बरतें और तुरंत प्रभाव से नजदीकी अस्पताल जाकर अपनी जांच करवाएं।