नाहन, 23 जुलाई : अक्सर ही सरकारी खजाने को चपत लगने के बाद रिकवरी का ढोल पीटा जाता है, मगर इस बार एक रोचक मामला सामने आया है। इसमें राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने एक करोड़ के राजस्व का चूना लगने से पहले ही बड़ी कार्रवाई को अंजाम दे दिया। आधी रात तक चली कार्रवाई में विभाग की टीम ने 13802 लीटर स्प्रिट (एक्स्ट्रा न्यूट्रल एलकोहल) को बरामद किया।
लाजमी तौर पर आपके जहन में एक सवाल उठ रहा होगा कि आखिर एक करोड़ का राजस्व कैसे बचाया गया। दरअसल, बरामद की गई स्प्रिट से देसी शराब की लगभग 5155 पेटियां बनाई जा सकती थी। अब चूंकि ये कच्चा माल ऑन रिकाॅर्ड नहीं था, निश्चित तौर पर वैध लाइसेंस की आड़ में इस शराब को खुले बाजार में पहुंचा दिया जाता। इससे विभाग को कोई भी राजस्व अर्जित नहीं होना था।
बता दें कि स्प्रिट ही शराब के उत्पादन में अहम कच्चा माल है। इतने बड़े स्तर पर बगैर परमिट के स्प्रिट मिलने के बाद विभाग ने फैक्टरी को सील कर दिया है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में विभाग के उप आयुक्त प्रीतपाल सिंह ने कहा कि आबकारी अधिनियम 2011 की धारा 43 के अंतर्गत कार्रवाई अमल में लाई गई है। इस टीम का नेतृत्व उन्होंने खुद किया। बाकी सदस्यों में सहायक आयुक्त भूप राम, गगनेश कुमार व निरीक्षक पंकज कुमार, चिरंजी लाल, राजिंद्र के अलावा श्याम लाल शामिल थे।
उधर एक अन्य जानकारी के मुताबिक बगैर परमिट के शराब बनाने की एवज में विभाग को लाइसेंस फीस, टीएसए फंड, कोविड सैस, इम्पोर्ट डयूटी व एक्साइज डयूटी इत्यादि के अलावा वैट मिलना था। इसमें मुख्य तौर पर 80 लाख की लाइसेंस राशि बनती थी। विभाग ने बरामद की गई स्प्रिट को भी जब्त कर लिया है।