मंडी (वी कुमार) : एक महीना पहले सीएम वीरभद्र सिंह ने अपने तूफानी दौरे के दौरान तीन शिलान्यास किए थे, लेकिन अभी तक इनमें से किसी का भी कार्य शुरू नहीं हो पाया है। हैरानी की बात यह है कि इन सभी कार्यों को एक वर्ष से भी कम अवधि में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं भाजपा को अब इस पर तंज कसने का मौका मिल गया है।
हिमाचल प्रदेश के विकास की रीत रही है कि यहां शिलान्यास कर दिए जाते हैं और फिर उन शिलान्यासों का कार्य शुरू होते-होते वर्षों बीत जाते हैं। कुछ ऐसा ही हर्ष अब सीएम वीरभद्र सिंह द्वारा किए गए तीन शिलान्यासों का भी देखने को मिल रहा है। बता दें कि एक महीना पहले यानी 25 सितंबर को सीएम वीरभद्र सिंह मंडी जिला के तूफानी दौरे पर आए थे। इस दौरान उन्होंने पड्डल गुरूद्वारे के पास 1 करोड़ की लागत से बनने वाले रैन बसेरे की आधारशिला रखी थी।
इस कार्य को एक वर्ष के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है और इसका लाभ उन लोगों को मिलना है जो खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर होते हैं। यह केंद्र आधारित परियोजना है। इसके बाद सीएम वीरभद्र सिंह आईटीआई के सामने और सुकोड़ी पुल के पास बनने वाले राउंड चौक की आधारशिला रखी थी। इन दोनों चौकों के निर्माण पर करीब 1 करोड़ 63 लाख रूपये की राशि खर्च की जानी है और 9 महीनों के भीतर कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन 9 महीनों की अवधी से एक महीना कम हो गया है और कार्य के नाम पर एक पत्थर तक नहीं लग पाया है।
यही कारण है कि अब भाजपा को सरकार पर तंज कसने का एक और मौका मिल गया है। भाजपा के प्रदेश सचिव प्रवीण शर्मा का आरोप है कि न तो सरकार केंद्र से मिलने वाले बजट का सही ढंग से खर्च कर पा रही है और न ही अपनी योजनाओं के लिए बजट का प्रावधान कर पा रही है।
वहीं जब इस बारे में उपायुक्त मंडी संदीप कदम से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रशासन और लोक निर्माण विभाग इस कार्य को पूरी गंभीरता से कर रहा है। उन्होंने बताया कि टेंडर प्रक्रिया अवार्ड स्टेज पर है और एक सप्ताह के भीतर तीनों शिलान्यासों के निर्माण कार्य को शुरू कर दिया जाएगा।
खास बात यह है कि राज्य सरकार ने अब शिलान्यासों के बाद कार्य को पूरा करने की एक अवधि निर्धारित कर रखी है लेकिन इस अवधि में किए गए शिलान्यासों का कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है, जिस कारण विभागीय कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह उठने लगे हैं।