पांवटा साहिब (एमबीएम न्यूज): यकीन मानिए, सरकार ने करोड़ों खर्च दिए ताकि मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र मिश्रवाला की प्यास बुझ सके। सालों से निर्माण चलता रहा, ठेकेदार को भुगतान भी जारी रहा। बमुश्किल कुछ समय पहले योजना बनकर तैयार हुई, लेकिन भंडारण टंकियां चूने लगी। आनन-फानन में मरम्मत कर दी गई। फिर सप्लाई शुरू हुई। लेकिन अब टयूबवैल का जलस्तर घट गया है। लिहाजा योजना ठप हो गई है। साथ ही क्षेत्र के हजारों बाशिंदें बूंद-बूंद के लिए तरस उठे हैं।
यह मामला यहीं नहीं खत्म होता। एमबीएम न्यूज को पाठकों द्वारा भेजी गई जानकारी पर अगर विश्वास किया जाए तो गंदगी से भरे खड्डों में पेयजल पाइपें बिछाई गई हैं। मुस्कीम रावत की मानें तो इस स्कीम को पूरा होने में सात साल लगे। शुरू होने के मात्र 23 दिन बाद स्कीम ठप हो गई। टयूबवैल से गंदगीयुक्त पानी निकला, जिसे इंसानों ने तो क्या जानवरों ने भी पीने से इंकार कर दिया।
दबी जुबान से विभाग के अधिकारी मानने लगे हैं कि टयूबवैल दोबारा लगाना पड़ेगा। मुस्कीम ने निर्माण में मोटे घोटाले की आशंका भी जाहिर की है। इस बात का पता नहीं है कि स्कीम का उदघाटन हुआ भी या नहीं। आरोप यह भी हैं कि पाइप लाइनों को ठीक तरह से नहीं दबाया गया। बताया यह भी जा रहा है कि 23 में से भी 17 दिन ही लोगों को पानी नसीब हुआ। पिछले पांच दिन से स्कीम के ठप होने के कारण लोग परेशानी में हैं।
लोगों की परेशानी दोगुना इसलिए बढ़ गई, क्योंकि पुरानी लाइनों से कनेक्शन कटवाकर नई से ले लिए गए थे। उधर पांवटा आईपीएच के एक्सईएन नरेश धीमान ने स्कीम के ठप होने की बात को स्वीकार करते हुए कहा कि टयूबवैल का जलस्तर नीचे चला गया है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर इस योजना स्थल का दौरा करेंगे। जल्द ही विसंगतियों को दूर कर दिया जाएगा।