चंडीगढ़ : हरियाणा के विधानसभा चुनावों में हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती जिलों पंचकूला, अंबाला व यमुनानगर कांग्रेस को अपेक्षा से अधिक सफलता मिली है। खासकर यमुनानगर जिला में भाजपा का प्रदर्शन बेहद लचर रहा। अंबाला व पंचकूला जिलों में भाजपा कुछ हद तक अपनी साख बचाने में सफल रही। वहीं अगर तीनों जिलों में ओवरआल प्रदर्शन को देखा जाए तो कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया है। जिन सीटों पर भाजपा काबिज थी वहां उसे हार का सामना करना पड़ा।
इन तीन जिलों में भाजपा के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी के अलावा हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी शैलजा का फैक्टर खूब चला। शैलजा ने यहां टिकट वितरण में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ मिलकर ताकतवर उम्मीदवारों को मैदान में उतारा। पंचकूला जिला के कालका से बीजेपी की निवर्तमान विधायक लतिका शर्मा को कांग्रेस के प्रदीप चौधरी से हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि जीत का अंतर काफी काम रहा मगर कांग्रेस को यहां कम कर आंका जा रहा था। पंचकूला सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार व पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत भजन लाल के बेटे चंद्र मोहन को हार का सामना करना पड़ा है। वैसे यहां भी जीत का अंतर काफी कम रहा।
मगर भाजपा के सीटिंग विधायक ज्ञान चंद गुप्ता यहां से अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। नारायणगढ़ हलके से कांग्रेस की उम्मीदवार शैली सिंह ने भाजपा के उम्मीदवार सुरेंद्र राणा को भारी मतों के अंतर से हराया। शैली सिंह पूर्व विधायक व कांग्रेसी नेता राम किशन की पत्नी हैं। सढौरा सीट से कांग्रेस की रेणु बाला ने भाजपा के सीटिंग एमएलए बलवंत सिंह को हराया। भाजपा इस सीट को काफी सुरक्षित मान रही थी। अंबाला कैंट से भाजपा के मंत्री रहे अनिल विज जीतने में कामयाब रहे। हालांकि वह थोड़े अंतर से अपनी सीट बचाने में सफल रहे।
वहीं अंबाला सिटी से भी भगवा अपनी लाज बचाने में कामयाब रहे। यहां से बीजेपी उम्मीदवार असीम गोयल ने जीत दर्ज की। वहीं यमुनानगर जिले में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल की। यहां जगाधरी से कांग्रेस के अकरम खान ने विधानसभा अध्यक्ष रहे कंवर पाल गुज्जर को नजदीकी मुकाबले में हराने में कामयाबी हासिल की। वहीं यमुनानगर शहर से आईएनएलडी के दिलबाग सिंह ने भाजपा उम्मीदवार घनश्याम अरोड़ा को पराजित कर इस सीट पर उलट-फेर किया।