-विभिन्न पहलुओं पर कवियों ने पढ़ी कविताएं
नाहन : जिला भाषा अधिकारी कार्यालय द्वारा आज मासिक कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि भुवन जोशी ने की। इस दौरान विभिन्न कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। युवा कवि पंकज तन्हा ने” जो घोंट कर रख दे गला सच्चाई का मेरी, वो हाथ नहीं देखे वो उंगलियां नहीं देखी” रचना प्रस्तुत की। अनंत आलोक ने “खड़ी कर दूं कतारें मैं वफा के ताजमहलों की ” सरला गौतम ने “मैं एक नन्हीं ओंस की बूंद” कविता प्रस्तुत की। नेपाल की भूकंप त्रासदी पर श्रीकांत अकेला ने कुछ यूं कहा- “मलबे में दफन जीवन या खंडहरो में खड़ा जीवन, फर्क सिर्फ एक है, एक निढाल है, एक बेहाल है।” भुवन जोशी ने “कुछ नहीं रखा है सवालों में” और नासिर युसुफजेई ने “नेकियां ही अगर करें तो फिर, आदमी देवता न हो जाए ” रचनाएं प्रस्तुत की। इसके अलावा अंकुश चौहान, चिरानंद शास्त्री, दीप चंद कौशल आदि कवियों ने भी अपनी-अपनी रचनाएं प्रस्तुत की।