नई दिल्ली, 02 सितम्बर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद की 125वीं जयंती के अवसर पर बुधवार को 125 रुपए का एक विशेष स्मारक सिक्का जारी किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीरवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से श्रील भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद की 125वीं जयंती के अवसर पर एक विशेष स्मारक सिक्का जारी किया। केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर) मंत्री जी किशन रेड्डी एवं अन्य गणमान्य जन इस अवसर पर उपस्थित थे।
इस अवसर पर गणमान्यजनों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने परसों जन्माष्टमी और आज श्रील प्रभुपाद जी की 125वीं जयंती के सुखद संयोग का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ये ऐसा है जैसे साधना का सुख और संतोष एक साथ मिल जाए।’ उन्होंने यह भी कहा कि ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाए जाने के बीच यह अवसर आया है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इसी भाव को आज पूरी दुनिया में श्रील प्रभुपाद स्वामी के लाखों करोड़ों अनुयाई और लाखों करोड़ों कृष्ण भक्त अनुभव कर रहे हैं।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम सभी जानते हैं कि प्रभुपाद स्वामी एक अलौकिक कृष्णभक्त तो थे ही, साथ ही वे एक महान भारत भक्त भी थे। उन्होंने देश के स्वतन्त्रता संग्राम में संघर्ष किया था। उन्होंने असहयोग आंदोलन के समर्थन में स्कॉटिश कॉलेज से अपना डिप्लोमा तक लेने से मना कर दिया था।’
कौन है भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद?
भक्ति वेदांत स्वामी प्रभुपाद का जन्म 1896 में कोलकाता में बिजनेसमैन के घर हुआ था। उनके पिता ने अपने बेटे अभय चरण का पालन पोषण ही एक कृष्ण भक्त के रूप में किया जिससे उनकी श्रद्धा कृष्ण में बढ़ती ही चली गई। प्रभुपाद ने 26 साल की उम्र में अपने गुरु सरस्वती गोस्वामी से मुलाक़ात की और 37 की उम्र में उनके विधिवत दीक्षा प्राप्त शिष्य बन कर पूरी तरह कृष्ण भक्ति में लीन हो गए।