नई दिल्ली, 1 फरवरी : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि किसानों को उनकी फसलों का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिल रहा है। लोकसभा में बजट भाषण के दौरान वित्तमंत्री ने ऐलान किया कि किसानों से एमएसपी पर फसलों की खरीद जारी रहेगी। वित्तमंत्री ने धान और गेहूं की एमएसपी पर खरीद के आंकड़े पेश करते हुए कहा कि इस साल 2020-21 में धान की खरीद पर 172,752 करोड़ रुपये से ज्यादा होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि 2013-14 में जहां 63,928 करोड़ रुपये का धान खरीदा गया था, वहां 2019-20 में यह राशि बढ़कर 1,41,930 करोड़ रुपये हो गई।
एमएसपी पर गेहूं खरीद के आंकड़े पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि 2013-14 में किसानों को कुल 33,874 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था, जबकि 2019-20 में उन्हें गेहूं के एमएसपी के तौर पर 62,802 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। उन्होंने कहा कि आगे 2020-21 में स्थिति और बेहतर हो गई जब किसानों को एमएसपी के तौर पर कुल 75,060 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
एमएसपी पर दलहनों की खरीद के आंकड़े पेश करते हुए वित्तमंत्री ने बताया कि इसी तरह 2013-14 में जहां दाल की खरीद पर किसानों को सिर्फ 236 करोड़ रुपये भुगतान कया गया था, वहां यह राशि बढ़कर 2019-20 में 8,285 करोड़ रुपये हो गई और अब 2020-21 में यह राशि 10,530 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है, जोकि 2013-14 की तुलना में 40 गुना अधिक है।
उन्होंने बताया कि किसानों से एमएसपी पर कपास की खरीद में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वित्तमंत्री द्वारा पेश आंकड़ों के अनसार, 27 जनवरी तक कपास की खरीद के लिए किसानों को 25,974 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका था, जबकि 2013-14 में सिर्फ 90 करोड़ रुपये की कपास किसानों से सरकारी एजेंसी ने खरीद थी।
वित्तमंत्री ने इन आंकड़ों के साथ यह साबित किया कि मोदी सरकार में एमएसपी किसानों से फसलों की खरीद में इजाफा हुआ है। देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनरत किसानों की दो प्रमुख मांगों में एमएसपी भी शामिल है। आंदोलनकारी किसान सभी अधिसूचित फसलों की खरीद एमएसपी पर करने की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार ने पहले भी कहा है कि एमएसपी पर फसलों की खरीद पूर्ववत जारी रहेगी।
–आईएएनएस