नई दिल्ली, 19 मई : पंजाब कांग्रेस के दिग्गज नेता नवजोत सिंह सिद्धू को 34 साल पुराने रोडरेज केस में सुप्रीम कोर्ट ने एक साल की सजा सुनाई हैं। सजा काटने के लिए सिद्धू को हिरासत में लिया जाएगा। कोर्ट ने अपने 15 मई, 2018 के एक हजार रुपये के जुर्माने की सजा को बदल दिया है। जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस संजय किशन कौल की बेंच ने ये फैसला सुनाया है।
ये है मामला
27 दिसम्बर 1988 को सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह संधू की पटियाला में कार पार्किंग को लेकर गुरनाम सिंह नाम के बुजुर्ग के साथ कहासुनी हो गई थी झगड़े में गुरनाम की मौत हो गई। सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह संधू पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया।
पंजाब सरकार और पीड़ित परिवार की तरफ से मामला दर्ज करवाया गया। साल 1999 में सेशन कोर्ट से सिद्धू को राहत मिली और केस को खारिज कर दिया गया। कोर्ट का कहना था कि आरोपी के खिलाफ पक्के सबूत नहीं हैं और ऐसे में सिर्फ शक के आधार पर केस नहीं चलाया जा सकता, लेकिन साल 2002 में राज्य सरकार ने सिद्धू के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अपील की। 1 दिसम्बर 2006 को हाईकोर्ट बेंच ने सिद्धू और उनके दोस्त को दोषी माना।
6 दिसम्बर को सुनाए गए फैसले में सिद्धू और संधू को 3-3 साल की सजा सुनाई गई और एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगा। सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए 10 जनवरी 2007 तक का समय दिया गया। दोनों आरोपियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई और 11 जनवरी को चंडीगढ़ की कोर्ट में सरेंडर किया गया। 12 जनवरी को सिद्धू और उनके दोस्त को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी थी। इसके बाद शिकायतकर्ता भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और सिद्धू को हत्या का दोषी करार देने की मांग की।
अब अंतिम जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को 1 साल की सजा सुनाई है। बता दें कि साल 2022 क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू के लिए कुछ खास नहीं रहा। पहले उनके नेतृत्व में पंजाब में कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा, इसके बाद उन्हें अध्यक्ष पद से हटा दिया गया अब सिद्धू को जेल होना भी इसमें जुड़ गया है।