नई दिल्ली, 11 अप्रैल : केंद्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने जल संकट की समस्या का समाधान तलाशने के लिए दुनिया के देशों को आगे आने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में 2.2 अरब लोग अब भी सुरक्षित पेयजल के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जल शक्ति राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने नागरिक संगठन ब्रिक्स इंटरनेशनल फोरम की ओर से आयोजित एक वेबिनार में बोलते हुए सुरक्षित पेयजल की कमी जैसी समस्याओं के समाधान में ब्रिक्स राष्ट्रों की भूमिका पर रोशनी डाली।
उन्होंने दुनिया के सामने मौजूद जल संकट की गंभीरता को रेखांकित करते हुए केपटाउन, दक्षिण अफ्रीका का उदाहरण दिया, जो वर्ष 2017-18 में पहला बड़ा शहर बन गया था जहां पानी खत्म हो गया। उन्होंने ब्राजील का भी उल्लेख किया जहां लगभग 30 लाख की आबादी के पास अभी भी सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता नहीं है।
रतनलाल कटारिया ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने भूख और गरीबी एवं पानी की कमी जैसे अस्तित्व से जुड़े वैश्विक संकट को बढ़ा दिया है। उन्होंने जल संकट से निपटने के लिए एक-दूसरे के महत्वपूर्ण अनुभव से सीखने पर जोर दिया। केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि लोगों को सुरक्षित पेयजल प्रदान करना किसी भी सरकार की वह जिम्मेदारी है जिससे वह बच नहीं सकती।
उन्होंने उपस्थित गणमान्य लोगों को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, भारत सरकार ने सभी ग्रामीण परिवारों को 2024 तक पाइप जल आपूर्ति की योजना के दायरे में लाने की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है। अगस्त 2019 में, भारत ने जल जीवन मिशन योजना शुरू की, जिसका कुल बजट 3.60 लाख करोड़ रुपये यानी करीब 48 अरब डॉलर है।