श्रीनगर, 26 मार्च : जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि इसने श्रीनगर के बाहरी इलाके में एक दिन पहले हुई आतंकवादी घटना के मामले को सुलझा लिया है जिसमें सीआरपीएफ के एक सब-इंस्पेक्टर और एक जवान शहीद हो गए थे और 2 अन्य घायल हो गए थे। आज मीडिया के साथ विवरण साझा करते हुए, आईजीपी (कश्मीर जोन) विजय कुमार ने कहा, “कल एक दुखद घटना हुई जिसमें हमारे दो साथी शहीद हुए और 2 अन्य घायल हो गए थे।”
उन्होंने कहा, “मामले को सुलझाने के लिए श्रीनगर जिला पुलिस और बांदीपोरा जिला पुलिस दोनों ने रात भर काम किया।”
आईजीपी विजय ने कहा, “हमने मामला सुलझा लिया है, इस हमले में शामिल एक आतंकवादी की पहचान मलुरा गांव के रहने वाले मुजफ्फर अहमद मीर के रूप में की गई है और दूसरा बडगाम जिले के नरबल का रहने वाला लश्कर का कमांडर नदीम अबरार भट, कोड नाम अबू अबरार है, जो मुजफ्फर का चचेरा भाई है।”
उन्होंने बताया कि अबरार तीन दिन पहले मुजफ्फर के घर गया और उससे कुछ ओजीडब्ल्यू (ओवर ग्राउंड वर्कर) सपोर्ट देने के लिए कहा ताकि वह एक आतंकी हमला कर सके। मुजफ्फर ने अबरार को उसी गांव के जावेद अहमद शेख से मिलवाया। जावेद एक लकड़ी का व्यापारी है। उनमें से तीन ने 24 मार्च को इलाके की रेकी की। आतंकी घटना कल (गुरुवार) दोपहर हुई।
आईजीपी ने कहा कि हमने अपने सोर्स को जुटाया और बांदीपोरा पुलिस ने जावेद को तब गिरफ्तार किया जब वह कार से भागने की कोशिश कर रहा था। कार से कुछ खाली कारतूस भी बरामद किए गए। उससे पूछताछ की गई और उसके खुलासे के आधार पर हमने मुजफ्फर को गिरफ्तार कर लिया। आतंकी हमले में इस्तेमाल हुए एक मारुति कार (नंबर एचआर1 ओक्यू 6583) को जब्त कर लिया गया।
उन्होंने बताया कि दो ओवरग्राउंड वर्कर — मुजफ्फर और जावेद को गिरफ्तार किया गया है। अबरार गुरुवार को पुलिस और सीआरपीएफ द्वारा संयुक्त अभियान के दौरान ठिकाने से भाग गया था।
श्रीनगर के बाहरी इलाके लवेपोरा में गुरुवार को हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के दो जवान, एक सब-इंस्पेक्टर और एक कांस्टेबल शहीद हो गए और 2 अन्य घायल हो गए थे।